नीरज उत्तराखंडी
जेपी कम्पनी की जोर-जबरदस्ती और जुगाड़बाजी का बडा खुलासा
ब्लास्टिंग से नैटवाड़ बाजार लगा धंसने से मकानों व दूकानों में दरारें
—-ग्रामीणों,व्यापारियों नें जेपी कंपनी से ब्लास्टिंग
करने की क्षमता कम करने की मांग।
—— स्थानीय प्रशासन व सतलुज विद्युत परियोजना
के अधिकारियों से कई बार की शिकायत।
—- सीएम,डीएम को ज्ञापन भेज कर आंदोलन
की दी चेतावनी।
पुरोला– मोरी में टोंस नदी पर सतलुज जल विद्युत परियोजना की मोरी-नैटवाड निर्माणाधीन जल विद्युत
परियोजना की कार्यदायी एजेंसी जेपी कंपनी द्वारा की जा रही भारी ब्लास्टिंग को लेकर नैटवाड बाजार के व्यापारियों समेत आसपास के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत समेत डीएम को ज्ञापन भेज कर निमार्णधीन परियोजना कार्य में आये दिन किये जा रहे भारी क्षमता के ब्लास्टिंग से नैटवाड बाजार के धंसने व मकानों,दुकानों में आ रही दरारों से भारी क्षति होने की शिकायत,ब्लास्टिंग पर रोक लगाने की मांग की है।
शिकायत में कहा गया है कि मोरी क्षेत्र में हिमांचल व उतराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में टौंस नदी पर सतलुज विधुत परियोजना के माध्यम से कार्यदायी संस्था के रूप में जेपी कंपनी बीते चार माह से निर्माण कार्य कर रही है,आये दिन चट्टानों को.तोड़ ने को किये जा रहे भारी क्षमता के विस्फोटक के प्रयोग से नैटवाड बाजार समेत आसपास गांव धंसने की कगार पर है साथ ही नैटवाड़ बाजार,गैंचवाण गांव,थातरू बाजार में कई मकानों- दुकानों में दरारें आने से कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा है।
ग्रामीणों,व्यापारियों ने सीएम व डीएम से परियोजना कार्य में चट्टानों को तोड़ने को किये जा रहे भारी क्षमता के विस्फोटकों की ब्लास्टिंग रोकने की मांग की है साथ ही दुकानों व मकानों को हुए नुकसान का जायजा लेने की भी मांग की,ग्रामीणों,व्यापारियों नें ब्लास्टिंग पर रोक न लगने पर आंदोलन की चेतावनी दी। आंदोलन की चेतावनी देने वालों में रोजी सिंह सौदाण, जगमोहन सिंह, राजेंद्र प्रसाद थपलियाल,भगवान सिंह रांगड,सुखमाल जैन, पूरणानंद कुठारी,गिरीश रांगड़, पूरणचंद समेत शामिल हैं।
दूसरी ओर जेपी कंपनी के प्रबंधक हरदेव सिंह राठोर का कहना है, कि नैटवाड बाजार क्षेत्र कई वर्षो से भूस्खलन,धंसाव की चपेट में है यही कारण है कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील होने के चलते प्रशासन ने दस वर्ष पूर्व नैटवाड़ वासियों को मुआवजा देकर थातरू में शिफ्ट किया था जबकि परियोजना निर्माण में हो रहे ब्लास्टिंग को लेकर रूड़की भूगर्भ वैज्ञानिकों ने साइड टेस्टिंग कर ब्लास्टिंग मानकों के अनुरूप ही होने की पुष्टि रिपोर्ट आ गई व मकानों में दरारें,धंसाव का वर्तमान में किये जा रहे ब्लास्टिंग से कोई संबंध नहीं है।
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र में भारी क्षमता के विस्फोटको के इस्तेमाल से 2.5 क्षमता का कम्पन पैदा हो रहा है बताया जा रहा है। जिससे मकानों और दुकानों में दरारें आ रही है।चर्चा तो यह भी है कि भूगर्भ संस्थान रूड़की से टेस्टिंग के लिए आई वैज्ञानिकों टीम को मनाकर कम्पनी ने क्षमता के अनुरूप ब्लास्टिंग की प्रमाण रिपोर्ट भी हासिल कर ली है।