कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के गदरपुर स्थित कई ईंट भट्टों में नाबालिगों के काम करने का वीडियो सामने आने के बाद, बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ाए जाने का ये एक जीता जागता उदाहरण सामने आया है। मीडिया को ये बाल श्रमिक दिख जाते हैं लेकिन संबंधित विभाग को इन्हें देखने में अभी परेशानी हो रही है।
देखिए वीडियो
उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर में ईंट भट्ठों का बड़ा कारोबार चलता है । यहां वयस्क श्रमिकों की कमी होने के कारण खतरनाक ईंट भट्टों में नाबालिगों से काम कराया जाता है। ये नाबालिग आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इनको तनख्वाह के रूप में चंद रुपये देकर अपना काम निकाल लिया जाता है।
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पढ़ाई लिखाई के समय ये नाबालिग खतरनाक काम और भट्टों के लिए मिट्टी सारते नजर आ जाते हैं। ये सब नजारा कैमरे में कैद हो गया हैं। इसमें गदरपुर के महत्व एवं मकरंदपुर गांव में लगभग आधा दर्जन ईट भट्टो में बाल श्रमिकों के काम करते वीडियो कैद हुए हैैं।
बाल श्रम कानून की अनदेखी एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसपर स्थानीय प्रशासन भी मौन बना हुआ है। इन्हें सरकार से किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ईट भट्टों के संचालक और मालिक बाल श्रमिकों से सभी काम कराते हैं। इन बच्चों को ना तो स्कूल भेजा जाता है और ना ही किसी प्रकार की कोई दूसरी सरकारी सुविधा का लाभ दिया जाता है। इन बच्चों के लिए शौचालय की सुविधा भी नहीं है।
गदरपुर क्षेत्र के उप जिलाधिकारी विवेक प्रकाश से इस मामले में जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है, इसकी जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।