प्रतापनगर क्षेत्रवासियों ने उपेक्षाओं से खिन्न होकर आगामी लोकसभा चुनाव २०१९ का बहिष्कार करने का मन बनाया है।
कई समस्याओं से जूझ रहे प्रतापनगर वासियों सेे पिछले चुनाव के दौरान भी कई वायदे किए गए थे, लेकिन क्षेत्रवासियों का आरोप है कि उनमें से एक भी वायदे पूरे नहीं किए गए और वे लोग समस्याओं से जूझने को मजबूर हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में कई ऐसे संवेदनशील मुद्दे हैं, जिनका लंबे समय से समाधन न होने के कारण क्षेत्र के लोग खासे नाराज बताए जा रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता तेजपाल बगियाल व युवा मोर्चा संयोजक मुलायम सिंह रावत कहते हैं कि क्षेत्रवासी इस चुनाव का बहिष्कार इन तमाम मुद्दों पर करेंगे, जिनमें डोबरा चांटी पुल का निर्माण 13 सालों में न होना और इस पर जो घोटाला हुआ है, उसकी सीबीआई जांच अब तक नहीं हो पाई है। हनुमंत राव कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बांध प्रभावित प्रतापनागर विधानसभा के लोगों को बिजली व पेयजल नि:शुल्क उपलब्ध करवाना, प्रतापनगर व लम्बगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन के साथ ही रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की जाए, आजादी के बाद भी आज प्रतापनागर में रोडवेज बस नहीं पहुंच पाई है। अगर लोकसभा से पहले 2 छोटी रोडवेज की बस प्रतापनागर विधानसभा के लिए संचालित नहीं होती हैं तो चुनाव बहिष्कार करने से क्षेत्रवासियों को रोक पाना आसान नहीं रह जाएगा।
इस विषय को लेकर सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग व प्रतापनगर युवा मोर्चा द्वारा शासन व प्रशासन को भी जल्द ज्ञापन प्रेषित कर अवगत करा दिया जाएगा।
कुल मिलाकर प्रतापनगर वासियों को पिछले कई चुनावों में मिली हवाई घोषणाएं व कोरे वायदों से इस बार क्षेत्रवासी खासे निराश हो चुके हैं। ऐसे में उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यदि समय रहते क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तो इसका परिणाम सत्तारूढ़ पार्टी सहित विपक्षी दलों को भी भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।