कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के खटीमा में नगर पालिका से आर.टी.आई.से जानकारी मांगनी केवल लखपतियों के बस की बात है । यहां छोटी सी जानकारी मुहय्या करने के लिए भी पौने तीन लाख रुपये भरने को कह दिया गया है ।
उधम सिंह नगर जिले के खटीमा की नगर पालिका ने सूचना का अधिकार अधिनियम(आर.टी.आई.) के तहत एक कार्यकर्ता को सूचना देने के एवज में लाखों का भुगतान करने का पत्र जारी कर दिया है। पालिका की इस डिमांड से आर.टी.आई.कार्यकर्ता भी अचंभित है। पूरे मामले के अनुसार खटीमा निवासी आर.टी.आई.कार्यकर्ता अर्जुन चौहान द्वारा नगर पालिका खटीमा से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2016-17 के गृह कर निर्धारण फाइल की कॉपी मांगी गई । लेकिन सूचना देने की जगह नगर पालिका खटीमा ने आर.टी.आई.की कॉपी देने के लिए अर्जुन चौहान को पहले 2 लाख 71हजार और 8 सौ 24(₹2,71,800/=) रुपये के भुगतान का पत्र जारी कर दिया।
जब आर.टी.आई.कार्यकर्ता ने सूचना के एवज में इतनी भारी भरकम राशि मांगे जाने के बारे में नगर पालिका को पत्र लिखा तो उसे अभी तक जवाब नही मिला है। आर.टी.आई.कार्यकर्ता ने मीडिया को बताया कि उसने नगर पालिका खटीमा से वर्ष 2016-17 के ग्रह कर की फाइल की कॉपी नगर पालिका से मांगी थी। उन्होंने बताया कि उन्हें ये जानकारी मिली थी कि नगर पालिका द्वारा बड़े भवनों से कम जाबकी छोटे भवनों से ज्यादा ग्रह कर वसूला जा रहा है। लेकिन नगर पालिका ने सूचना देने के लिए लाखों रुपये के भुगतान किये जाने का पत्र उन्हें थमाया है। उन्होंने अब पत्र भेजकर पालिका से सूचना पर इतनी ज्यादा धनराशि मांगने का कारण पूछा है, जिसका अभीतक उन्हें कोई जवाब नही मिला है। आर.टी.आई.कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है की ग्रह कर के मामले में नगर पालिका में भारी भृष्टाचार फैला है, इसलिए उन्होंने ये कदम उठाकर ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ करने की ठानी है । उन्होंने ये भी शक जाहिर किया है कि शायद पालिका नहीं चाहती की उनकी सच्चाई बाहर निकले इसीलिए उन्होंने इतनी बड़ी राशि जमा करने की मांग की है।