मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, डालनवाला देहरादून में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत राज्य के चिन्हित परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु आयुष्मान भारत योजना के गोल्डन कार्ड वितरित किए।
इस अवसर श्री त्रिवेन्द्र ने 37 लाभार्थियों को आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड वितरित किए। पूरे राज्य में आज 300 गोल्डन कार्ड वितरित किए गए। गौरतलब है कि आयुष्मान योजना के तहत 2011 की सामाजिक आर्थिक व जातीय जनगणना के आधार पर उत्तराखण्ड में 5 लाख 37 हजार 652 लाभार्थियों का चिहनीकरण कर लिया है। योजना के तहत 5 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष की दर से निशुल्क चिकित्सा उपचार राज्य एवं देश के अन्र्तगत सूचीबद्ध अस्पतालों में ईलाज हेतु भर्ती होने पर मिलेगा। उपचार कैशलेस व पेपरलेस होगा। आयुष्मान योजना राष्ट्रीय पोर्टेबल है। लाभार्थी देश के किसी भी स्थान पर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं । आयुष्मान योजना में लाभार्थियों की सहायता हेतु प्रत्येक अस्पताल में अरोग्य मित्र नामित किए गए हैं। अरोग्य मित्र लाभार्थियों को बायोमेट्रिक आधारित गोल्डन कार्ड बनवाने में सहायता करेंगे। राज्य के सभी 7 मेडिकल काॅलेज आयुष्मान सहायता के लिए पंजीकृत कर दिए गए हैं। इसके साथ ही अब तक राज्य में 27 सरकारी अस्पताल व 26 निजी अस्पताल आयुष्मान योजना हेतु पंजीकृत किए गए है। इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना को विस्तारित करते हुए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना संचालित की जा रही है। जिसके प्रथम चरण की शुरूआत आज से आयुष्मान भारत भारत योजना के शुभारम्भ से हो गई। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनधारियों व उनके आश्रितों को भी आयुष्मान भारत योजना के असीमित स्तर का स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ दिया जाएगा। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना राज्य के लगभग 22 लाख परिवारों को आच्छादित करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केन्द्र(एम.सी.एच.विंग) भाग-2 का उद्घाटन भी किया।
राज्य में मलेरिया उन्मूलन कार्ययोजना का शुभारम्भ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने मलेरिया उन्मूलन कार्ययोजना 2018-22 का शुभारम्भ भी किया। मलेरिया उन्मूलन कार्ययोजना के तहत राज्य के सभी जनपदों में 2020 तक मलेरिया प्रभावितों की संख्या को शून्य किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2022 तक राज्य में मलेरिया का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है।
दून मेडिकल काॅलेज में आईसीयू यूनिट जल्द शुरू
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही दून मेडिकल काॅलेज में आईसीयू यूनिट की शुरूआत की जाएगी। इसके साथ ही आज पौड़ी में टेली कार्डियोलाॅजी की शुरूआत कर दी गई हैं
देहरादून में 300 बेड का नया जच्चा-बच्चा अस्पताल खुलेगा
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही 300 बेड का एक नया जच्चा बच्चा अस्पताल आरम्भ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को सरलता से गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य पहुंचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम अपनी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के लिए निरन्तर काम कर रहे है।
139 एम्बुलेस जनवरी तक उपलब्ध
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 108 आपातकाल सेवा में जनवरी माह तक 139 नए एम्बुलेंस वाहन सम्मिलित कर दिए जाएगे। हम दूरस्थ व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाऐं सुदृढ करने हेतु प्रयासरत है।
राज्य में एयर-एम्बुलेंस की शुरूआत की जाएगी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि जल्द ही राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में समयबद्ध रूप से आकस्मिक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचानें हेतु एयर-एम्बुलेंस शुरू की जाएगी। भारत सरकार द्वारा इसके लिए धनराशि आवटिंत कर दी गई हैं।
प. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में 100 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून के प. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में 100 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। देहरादून व अन्य जिलों से आने वाले मरीजों को इससे राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि पौड़ी में ट्राजिंट होस्टल शुरू किया जा रहा हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में 90 प्रतिशत प्रसूति संस्थागत हो। जच्चा -बच्चा को ससमय अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। इससे शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर को कम करने में भी सहायता मिलेगी। महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार पर विशेष फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचाना हमारी प्राथमिकता हैं। गत डेढ़ वर्षो में सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधार हेतु कई ठोस प्रयास किए गए हैं। हम कई संक्रमित रोगों को नियन्त्रित करने में सफल रहे है। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार मात्र सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं रहने चाहिए बल्कि सामाजिक कार्य करने वाले संगठनों, व्यक्तियों भी बहुत सी समस्याओं की तत्काल समाधान में सहायता कर सकते है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अस्पतालों में अच्छा वातावरण बनाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि आगामी इन्वेस्टर समिट में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश हेतु कई प्रस्ताव राज्य सरकार के समक्ष आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में 75 प्रतिशत डाॅक्टर तैनात करने में सफल रहे है। तकनीक व आईटी के माध्यम से भी स्वास्थ्य सुविधाएं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, डा. धन सिंह रावत, विधायक हरबंस कपूर, खजानदास, श्री उमेश शर्मा काऊ, सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश कुमार झा आदि उपस्थित थे।