कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में एक परिवार को नाबालिग किशोरी की शादी करना महंगा पड़ गया। पुलिस ने अल्मोड़ा के चितई मन्दिर पहुंचकर नाबालिग की शादी रुकवाई ।
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पहाड़ों में आए दिन नाबालिग बच्चियों की शादियों के एक के बाद एक प्रकरण सामने आ रहे हैं । पूर्व में भी मैदानी क्षेत्रों के लोगों द्वारा पहाड़ों की भोली भाली, आर्थिक रूप से कमजोर और अशिक्षित ग्रामीणों को अपने चंगुल में धन का प्रलोभन देकर, उनकी नाबालिगों से शादियां करने के कई मामले सामने आ चुके है। कई मामलों में कोर्ट द्वारा दोषियों को दण्डित भी किया जा चुका है। लेकिन, बावजूद इसके, स्थानीय स्तर पर आर्थिक तंगी और अशिक्षा आज के दौर में नारी सशक्तिकरण के आड़े आ रही है। पहाडों में मानव तस्करी करने के मामले थमने का नाम नही ले रहे है। आए दिन पहाडों से शादी रचा कर मानव तस्करी को अनजाम दिया जाता है। वहीं ताजा मामला अल्मोडा से सामने आया है जहां चितई मंदिर में विवाह कराने आए दोनों पक्षों को पुलिस की निगरानी में थाने में पहुंचना पड़ा। दरअसल मुरादाबाद का युवक यहां शादी करने पहुंचा था। दुल्हन नाबालिग थी और पर्वतीय क्षेत्र के एक दूसरे जिले की थी। सूचना मिलने पर पुलिस तत्परता से विवाह स्थल पहुंची और शादी रुकवा दी । पुलिस दोनो पक्षों को पकडकर अल्मोडा महिला थाना ले आयी जहां दोनो पक्षों से पूछताछ की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार मुरादाबाद का एक युवक एक वाहन में कुछ लोगों को लेकर चितई मंदिर पहुंचा था। विवाह शुरू होता उससे पहले ही पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम वहां पहुंच गई। पुलिस ने शादी होने से पहले ही दोनों पक्षों से पूछताछ कर उन्हें पुलिस काउंसलिंग के लिए महिला थाने ले आई।
जानकारी के अनुसार पुलिस को नाबालिग के विवाह की सूचना मिलते ही वह सतर्क हो गई और बच्ची के स्कूल से जन्मतिथि हासिल कर ली, जिसमे बालिका 13 साल की दर्शायी गई है।
पता लगा है कि दुल्हन पक्ष काफी गरीब है और अपनी मर्जी से यह विवाह करा रहा था। पहाड़ से मजबूरी और गरीबी का फायदा उठाकर बाहरी लोग यहां की बालिकाओं से विवाह कराने के मामले पहले भी आ चुके हैं इसीलिए पुलिस ने सूचना मिलने पर काफी तत्परता दिखाई। कोतवाल अरूण वर्मा ने कहा कि पुलिस दोनों पक्षों की की काउंसलिंग करा रही है। और विवाह शुरू होने से पहले ही पुलिस ने शादी रोक दी थी। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।