संसद में गृह मंत्री अमित शाह का ऐलान, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया
मोदी सरकार द्वारा दूसरी पारी शुरू करने के बाद 70 सालों से विवादित जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 को समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके राइट हैंड देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद पूरे देश में उत्साह का माहौल है।
जम्मू-कश्मीर पर बीते 10 दिनों से जारी हलचल, अनिश्चितता और अटकलों को विराम लगाते हुए मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला किया है। मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया है। मोदी सरकार की कैबिनेट के फैसले की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दी है।
मोदी सरकार के इस फैसले का मतलब हुआ कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्म-कश्मीर को लेकर विशेषाधिकार मिले थे, वे अब खत्म हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह एक सामान्य राज्य होगा।
धारा 370 को खत्म करने का बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया गया है। अमित शाह द्वारा लाए गए संकल्प के बीच राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित गजट नोटिफिकेशन जारी होते ही कश्मीर 370 के जंजाल से आजाद हो गया। इससे पहले विपक्ष के नेता गुलाम नबी ने कहा, कश्मीर में युद्ध जैसे हालात, बड़े नेता नजरबंद है। पहले इस पर बहस होनी चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं।
मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने का निर्णय लिया गया है। अब लद्दाख अलग और जम्मू कश्मीर अलग केंद्र शासित राज्य होगा। इन दोनों केंद्र शासित राज्यों में अब सूचना का अधिकार कानून से लेकर वह सभी कानून लागू होंगे, जो देश के अन्य केंद्र शासित राज्यों में लागू हैं। जम्मू कश्मीर के बारे में लिए गए इस निर्णय के बाद भले ही विपक्ष धरने प्रदर्शन पर हो, किंतु वर्षों पुरानी इस समस्या का एक प्रकार से समाधान होना तय है।
आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को क्या मिला और क्या उससे छिना, आईए 10 पॉइंट में समझें
अनुच्छेद 370
सोमवार को जम्मू-कश्मीर पर केंद्र की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले के तहत गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार का संकल्प पत्र पेश किया. शाह ने कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटा दिए गए हैं. अब इसके सभी खंड लागू नहीं होंगे।
सरकार के फैसले के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अब पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. वहीं लद्दाख को भी जम्मू-कश्मीर से अलग कर इसे भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है।
केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है. साथ ही यहां पर अनुच्छेद 370 को भी खत्म कर दिया गया है. आईए 10 पॉइंट में समझें इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को क्या मिला और क्या उससे छिना।
1. राष्ट्रपति के पास अधिकारः केंद्र सरकार के नए फैसले के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर पर सविंधान की धारा 356 लागू होगी. इसके मुताबिक राष्ट्रपति के पास प्रदेश की सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा.
2. भारतीय संसद के बढ़े अधिकारः अब तक घाटी में रक्षा, विदेश मामले, और संचार के अलावा भारतीय संसद को किसी भी कानून को बनाने के लिए अधिकार नहीं था।भारतीय संसद को इसके लिए राज्य की सरकार से अनुमोदन कराना होता था. लेकिन अब भारतीय संसद के अधिकार बढ़ जाएंगे, अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी.
3. पांच साल ही चलेगी सरकार: अब तक जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल चलता था. लेकिन नए बदलाव के बाद ये कार्यकाल अन्य राज्यों की तरह 5 साल का होगा।
4. अल्पसंख्यकों को मिलेगा आरक्षणः अनुच्छेद 370 लागू होने के कारण वहां अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलते थे जो अब मिलेगें।
5. लागू होगा आरटीआई : अनुच्छेद 370 लागू होने की वजह से कश्मीर में आरटीआई कानून नहीं लागू होता, यानी वहां की जानकारी नहीं हासिल किया जा सकती थी लेकिन अब नए बदलाव के तहत यह भी संभव होगा।
6. नीति निदेशक होंगे लागूः अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर में राज्य के नीति निदेशक तत्व नहीं लागू होते थे. अब यह भी आसानी से लागू हो सकेगा।
7. खत्म होगी दोहरी नागरिकताः अनुच्छेद 370 हटते ही जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को मिलने वाली दोहरी नागरिकता भी खत्म हो जाएगी।
8. ध्वज और प्रतीकों को अपमान अपराधः जम्मू-कश्मीर में देश के राष्ट्रीय ध्वज व प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं माना जाता है. लेकिन अनुच्छेद 370 हटने से देश के बाकी हिस्सों की तरह यहां भी ये गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आएंगी।
9. एक ही ध्वजः जम्मू-कश्मीर में अब तक अलग ध्वज था. लेकिन नए बदलाव के तहत अब घाटी में भी देश का ही ध्वज लहराएगा।
10. भूमि कानून में बदलावः अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भूमि कानून में भी बदलाव होगा।