मुख्यमंत्री की विधानसभा से निकला किसानों का उग्र प्रदर्शन। सड़कों पर जमकर काटा हंगामा
देहरादून। दिल्ली में लंबे समय से चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए उत्तराखंड के मुख्चमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और किसानों के समर्थन में राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से ट्रैक्टर रैली के साथ राजभवन कूच करने वाले किसानों को पुलिस ने बैरीकैडिंग व वाहन लगाकर रोक लिया, जिससे किसानों में आक्रोश पैदा हो गया और उन्होंने वहीं पर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। यहां किसानों ने हर्रावाला में जमकर हंगामा काटा और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और काले कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग की।
वहीं दूसरी ओर हाईवे को जाम कर दिया। किसानों के समर्थन में राजधानी में अनेकों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राजभवन कूच किया। यहां राजधानी के आसपास के क्षेत्रों से किसानों ने ट्रैक्टर के साथ किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए और काले कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर राजभवन कूच करना लेकिन पुलिस ने सभी को बार्डर व आसपास के क्षेत्रों में रोक लिया और उन्हें शहर में प्रवेश नहीं करने दिया और इस बीच पुलिस व प्रदर्शनकारी किसानों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई और रैली को डोईवाला में ही रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
लेकिन लच्छीवाला टोल बैरियर पर पुलिस ने किसानों को रोका, और इस बीच पुलिस व किसानों में तीखी नोक झोंक हुई और हालांकि कुछ किसानों को रोकने में पुलिस नाकाम रही और वह आगे बढ़ गये और हर्रावाला पहुंच गये और यहां पर पुलिस ने बैरीकैडिंग व सड़क निर्माण कार्य में लगे बड़े बडे वाहनों को बीच सड़क में खडे कर दिये जिससे किसान ट्रैक्टर लेकर आगे न बढ़ सके और इस बीच किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और केन्द्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की तथा धरने पर बैठ गये। डोईवाला के ऋषिकेश रोड पर गुरुद्वारा लंगर हॉल से किसानों की रैली पुल से होते हुए निकाली। रैली को पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट सहित अनेक समर्थकों के साथ समर्थन दिया।
वहीं दूसरी ओर किसान कानूनों के विरोध में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वर्षगांठ के अवसर पर नेताजी को याद करते हुऐ तीनों किसान बिलों के विरोध में किसानों ने राजभवन देहरादून का जबर्दस्त धेराव किया तथा सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया तथा तीनों किसान बिलों को वापस लेने की पुरजोर मांग की गई और इस बीच पुलिस से तीखी नोंकझोंक होने के बाद वहीं धरने पर बैठ गये। इस दौरान एसएफआई के कार्यकर्ता ढपली बजाकर अपना विरोध दर्ज किया और काले कानूनों को वापस लेने की मांग की। यहां गांधी पार्क से रैली शुरू कर राजपुर रोड़ होते हुए कैन्ट रोडं हाथीबड़कला पहुंचा जहां पर पुलिस ने बैरीकैडिंग लगाकर सभी को रोक लिया और पुलिस से संघर्ष के बाद रैली आम सभा में परिवर्तित हो गया, जहाँ सभा को किसान ,मजदूर नेताओं ने सभा को सम्बोधित किया तथा काले कानून वापस लेने की मांग तथा केन्द्र की मोदी सरकार की दमनकारी नीतियों का जोरदार विरोध किया।
इस अवसर पर सभा मे राजभवन कूच के लिए आ रहे किसानों के जत्थो तथा ट्रकटरों को रोकने की कडेघ् शब्दों में निन्दा की है तथा कहा कि भाजपा सरकार किसानों की एकता से घमरा गयी है । रैली मे किसान सभा ,किसान यूनियन ,सीटू, महिला समिति ,एस एफ आई, उत्तराखंड महिला मंच ,बीज बचाओ आन्दोलन, वन जन श्रमिक यूनियन, वन गुजर यूनियन,सर्वोदय मण्डल,किसान यूनियन सतबीर आर्य आदि संगठनों ने हिस्सेदारी कर रही है ।
इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं में संयुक्त किसान मोर्चा उत्तराखण्ड के संयोजक मण्डल के सुरेन्द्र सिंह सजवाण, किसान सभा के महामंत्री गंगधार नौटियाल, कोषाध्यक्ष शिव प्रसाद देवली, किसान नेता कमरूद्दीन, सर्वोदय मण्डल के हरबीर कुशवाहा, बीज बचाओ आन्दोलन बीजू नेगी, किसान यूनियन के सतबीर सिंह, दौलत कुवंर, वन गुजर यूनियन मुस्तफा चोपडा ,सीटूअध्यक्ष राजेंद्र नेगी, जिलामहामन्त्री लेखराज, महिला समिति महामंत्री दमयन्ती नेगी ,एसएफआई के अध्यक्ष तथा महामंत्री नितिन मलेठा ,हिमांशु चौहान, महिला मंच की निर्मला बिष् , भार्गव चन्दोला, नौजवान सभा के अध्यक्ष यूसुफ तिवारी,मदन मिश्रा ,भूपाल सिंह रावत, राजा राम सेमवाल, माला गुरुग, आर पी जोशी, अनन्त आकाश, रजनी गुलेरिया, किशन गुनियाल, सतकुमार, सचिन कुमार, सुरेंद्र सिहं राव, नुरैशा अंसारी, उमा नौटियाल आदि प्रमुख थे।
केन्द्र व राज्य सरकार में जितना दम है रोक सके तो रोक लो
तीन काले कानूनों एवं किसानों के आंदोलन को समर्थन देने जा रहे किसानों का गुस्सा फूट पडा जब उन्हें ट्रैक्टर रैली में जाने से रोक लिया गया और जिससे वह आक्रोशित हो गये। इस अवसर पर किसानों ने कहा कि, डोईवाला क्षेत्र के किसान राजभवन शांत पूर्वक जा रहे थे और पुलिस से वार्ता होने के बाद बैरीकैडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया गया। किसानों ने कहा कि हम शांतिपूर्वक राजभवन पहुचे लेकिन त्रिवेेन्द्र सिंह रावत जहां के मुख्यमंत्री है उनकी विधानसभा क्षेत्र है और मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री देखना नहीं चाहते है कि उनके क्षेत्र का किसान आक्रोशित होकर सडक पर उतरे और डोईवाला व उत्तराखंड का किसान जाग चुका है और राजभवन का घेराव किया जायेगा और केन्द्र व प्रदेश सरकार से कहना चाहते है कि जितना दम है रोक सके तो रोक लो।
वहीं दूसरी ओर देहरादून में पुलिस भी किसान आंदोलन को लेकर सचेत दिखाई दे रही है जनपद में किये गए आंदोलन को लेकर एसएसपी देहरादून डा. योगेन्द्र सिंह रावत ने किसानों को शान्ति से प्रदर्शन करने की सलाह दी है और कहा कि अगर किसी ने अशांति फैलाने की कोशिश की तो उन पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखे।