जगदम्बा कोठारी/रुद्रप्रयाग
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर छुड़ाया कलियुगी मां से बच्ची को
कल रात से पुलिस हिरासत में है मां
संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज
पहाड़ों मे बड़ रहे अनैतिक कार्य को लेकर रूद्रप्रयाग पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की है। मुखबिर की सूचना पर रूद्रप्रयाग पुलिस ने एक ऐंसी कलियुगी मां को हिरासत मे लिया है जो अपनी ही सगी बेटी से अनैतिक कार्य करवा रही रही थी।
25 जून 2019 को महिला हैल्प लाइन रूद्रप्रयाग में की जा रही काउन्सिलिंग के दौरान यह बात संज्ञान में आयी कि एक परिवार की में नाबालिग लड़की का शोषण किया जा रहा है। शिकायत के आधार पर महिला पुलिस कर्मियों द्वारा रूद्रप्रयाग में स्थित एक होटल की तलाशी ली गयी तो वहां पर एक नाबालिग लड़की मिली। पूछताछ पर नाबालिग लड़की द्वारा अपने साथ हुए शोषण के सम्बन्ध में बताया गया। महिला कर्मियों द्वारा मामले की सूचना तत्काल नजदीकी थाना रूद्रप्रयाग एवं उच्चाधिकारी गणों को दी गयी। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए क्षेत्राधिकारी रुद्रप्रयाग व मजिस्ट्रेट व पुलिस टीम द्वारा
उक्त नाबालिग लड़की व उसकी मां को कार्यालय लाया गया। प्रकरण के सम्बन्ध में बाल कल्याण समिति के सदस्यों से सम्पर्क स्थापित कर समिति से काउन्सिलिंग करवाई गयी।
काउन्सिलिंग की रिपोर्ट के आधार पर तथा पीड़िता द्वारा अवगत कराया गया कि उसके साथ उसकी स्वयं की माता व एक अन्य महिला द्वारा अलग-अलग दिनों में अनैतिक रूप से देह व्यापार करवाया गया है। इस कार्य हेतु रूद्रप्रयाग स्थित होटल संचालक द्वारा अपना हो
पीड़िता की शिकायत के आधार पर कोतवाली रूद्रप्रयाग में मु0अ0सं0 31/19 धारा 7 (1) ख/7 (2) ख अनैतिक देह व्यापार अधिनियम व 3/4 पोक्सो अधिनियम व 372 भा0द0वि0 का अभियोग पंजीकृत किया गया है। प्रारम्भिक पूछताछ एवं विवेचना में पुलिस द्वारा प्रकाश में आये अभियुक्तों व आरोपियों के विरूद्व साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है।
मामले की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी रूद्रप्रयाग को दी गयी है। शीघ्र ही अन्य विधिक कार्यवाही तथा पूछताछ करने पर आरोपियों के विरूद्व आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। अब तक की विवेचना में नाबालिग लड़की की मां, एक अन्य महिला व होटल संचालक की संलिप्तता सामने आयी है। जिनकी गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित की गयी हैं।
इस प्रकरण की गम्भीरता एंव संवेदनशीलता को देखते हुए जनपद में महिला उपनिरीक्षक व महिला आरक्षियों की टीमें गठित करते हुए विवेचना प्रचलित है। पूरे प्रकरण में पीडित के बयानो के आधार पर ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जा रहा है। जिनके द्वारा समय-समय पर पीड़िता का शोषण किया गया है। उनके विरुद्ध भी शीघ्र कार्यवाही हेतु विवेचक को निर्देशित किया गया है।