नयार नदी पर बरसात में बन सकती है झील, ग्रामीणों में दहशत
अनुज नेगी
पौड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से देश की सभी नदियों को साफ, प्रदूषण रहित रखने का संदेश देशवासियों को देने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री की इस मंशा और प्रयास पर पौड़ी के बैजरो में पुल निर्माण के लिए जिम्मेदार संस्था के.के. कंस्ट्रक्शन कंपनी सड़क का मलबा नदियों में फेंककर पलीता लगा रही है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 121 बुआखाल-रामनगर मार्ग पर इन दिनों करोड़ों की लागत से 9 पुलों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें सड़क का पूरा मलबा नयार में डाला जा रहा है और नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है। पुलों के निर्माण कार्यों के दौरान निकलने वाला मलबा सीधे नयार नदी में गिराया जा रहा है। जिसके कारण नयार नदी का बहाव थम गया है।
वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को बरसात में इस नयार नदी पर झील बनने का भय सताने लगा है। पुल निर्माण कार्य में लगी के.के. कंस्ट्रक्शन कंपनी नदियों के प्रति संवेदनशील नहीं दिखाई दे रही है।
आपको बता दें कि इन पुल निर्माण कार्यो में भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। पुलों के दौरान निकला मलबा धड़ल्ले से नदी में डाला जा रहा है। इससे नदियों की धारा के अवरुद्ध हो जाने का खतरा बना हुआ है।
अपर जिलाधिकारी पौड़ी डा. शिव कुमार बरनवाल कहते हैं कि पुलों के निर्माण कार्यो का मलबा नदियों में डालने की शिकायतें मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई हैं। इसका संज्ञान लेते हुए कार्यदायी संस्था के खिलाफ एक्शन लिया जायेगा।
बैजरो के पर्यावरण प्रेमी रमेश बौड़ाई कहते हैं कि प्रशासन की मिलीभगत से नयार नदी को प्रदूषित किया जा रहा है। नयार नदी विभिन्न प्रकार की मछलियों के लिए प्रसिद्ध है, जो दिन प्रतिदिन प्रदूषण से विलुप्त होती जा रही है। अगर इसी तरह से नयार नदी को प्रदूषित किया जाता रहेगा तो आने वाले समय में नयार नदी विलुप्त हो जाएगी।