गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने पर पौड़ी शहर में गोल्डन जुबली कार्यक्रम की तैयारी जोरों पर
29 जून को पौड़ी में होगी कैबिनेट बैठक
अनुज नेगी
पौड़ी। गढ़वाल कमीश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पौड़ी शहर में आयोजित होने वाले गोल्डन जुबली की तैयारियां जोरों पर हंै। इसके साथ ही पौड़ी में होने वाली कैबिनेट बैठक पर सियासत भी तेज होने के साथ ही सत्ता और विपक्ष में भी बैठक को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। एक दिन की कैबिनेट को लेकर कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं, लेकिन जनता के पैसे से भाजपा सरकार के मंत्री सिर्फ सैर सपाटे के लिए पौड़ी में बैठक का ढोंग कर रहे हैं। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि दून की गर्मी से राहत पाने के लिए सरकार पौड़ी का रुख कर रही है।
वहीं 29 जून को पौड़ी में होने वाली कैबिनेट पर उत्तराखंड क्रांति दल ने सवाल उठाए हैं। दल का कहना है कि पौड़ी में कैबिनेट करने पलायन नहीं रुकेगा। यूकेडी ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों सरकारें पलायन रोकने में नाकाम रही हैं। वरिष्ठ नेता बीडी रतूड़ी ने कहा कि इस बैठक को पौड़ी में करने से कोई फायदा नहीं होने वाला। उनका कहना था कि यदि गैरसैंण सरकार गैरसैंण के बारे में सोचे तो बेहतर होगा।
गढ़वाल कमिश्नरी की गोल्डन जुबली को खास बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार पौड़ी में आगामी कैबिनेट की बैठक करने जा रही है। 29 जून को पौड़ी में कैबिनेट बैठक होगी। कैबिनेट बैठक में जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं खास कर पीने के पानी की कमी को दूर करने संबंधित विषयों पर चर्चा हो सकती है।
गढ़वाल मण्डल पौड़ी के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आगामी 29 व 30 जून को गोल्डन जुबली के रूप में भव्य रूप कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा, जिसके लिए पौड़ी शहर के तीनों प्रवेश द्वारों को सजाने के साथ ही शहर को लडिय़ां लगाकर जगमग किया जाएगा।
इस मौके पर कैबिनेट की बैठक के अलावा पलायन पर एक गोष्ठी, बहुद्देश्यीय शिविर एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ माउंटेन बाइकिंग और मैराथन दौड़ का भी आयोजन किया जाएगा। गोल्डन जुबली कार्यक्रम को लेकर मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी दीप्ति सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार पौड़ी में समीक्षा बैठक हुई। जिसमें सम्बंधित अधिकारियों को सौंपे गये दायित्वों को भली भांति निर्वहन करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि 50 वर्ष पूर्व 1969 में गढ़वाल मण्डल की स्थापना की गई, जिसका मुख्यालय पौड़ी बनाया गया। इससे पहले देहरादून को छोड़कर उत्तराखंड के सभी जिले कुमाऊं मण्डल के अंतर्गत आते थे, जबकि देहरादून जनपद मेरठ मण्डल के अधीन था। 1975 में देहरादून जिले को गढ़वाल मण्डल में शामिल कर लिया गया। जिसके बाद से गढ़वाल और कुमाऊं मण्डल के अंतर्गत 6-6 जिले हो गए। और वर्ष 2000 में पृथक उत्तराखंड राज्य बन जाने पर हरिद्वार जनपद को भी गढ़वाल मण्डल में शामिल कर लिया गया।