छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी द्वारा समाज कल्याण विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर को गिरफ्तार करने की मंशा पर पानी फिर गया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने 19 अगस्त को मुख्य सचिव तथा डीजीपी को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है।
आयोग का नोटिस
गौरतलब है कि गीताराम नौटियाल ने 2 जुलाई को हरिद्वार के सीओ सिटी आयुष अग्रवाल द्वारा गिरफ्तार किए जाने के भय के चलते राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
आयोग ने पत्र लिखकर कहा है कि इस प्रकरण की जांच करने का फैसला लिया गया है।
मुख्यसचिव का हलफनामा
आयोग ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार ने इस प्रकरण में अपना जवाब दाखिल नहीं किया है इसलिए आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साईं ने 19 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करने के लिए तारीख तय कर दी है।
आयोग ने मुख्य सचिव को कहा है कि या तो वह खुद पेश हों अथवा भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को अपने स्थान पर भेज सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव तथा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण रणवीर सिंह पहले ही हाई कोर्ट में अपना हलफनामा दे चुके हैं कि छात्रवृत्ति को लेकर उपरोक्त अधिकारियों द्वारा कोई घोटाला नहीं किया गया है। ऐसे में यदि मुख्य सचिव हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे के अनुसार ही आयोग में अपनी बात रखते हैं तो गीताराम नौटियाल को राहत मिलनी तय मानी जा रही है।
फिलहाल तो 19 अगस्त तक के लिए गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक तो लग ही गई है। पर्वतजन पहले ही इस प्रकरण में एसआईटी द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही “पिक एंड चूज” के आधार पर किए जाने पर सवाल उठाता रहा है।
राष्ट्रीय आयोग द्वारा इस मामले को जांच के लिए ले लिए जाने के बाद एसआईटी की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।