बेलगाम अधिकारी ने पार की बदसलूकी की हद। प्रमुख वन संरक्षक हॉफ से पत्र के माध्यम से की बदसलूकी
– जीरो टोलरेंस की सरकार को दी खुली चुनोती
रिपोर्ट- अनुज नेगी
देहरादून। राज्य के मुख्यमंत्री भले ही जीरो टोलरेंस का कितना ही दावा करे मगर कार्यवाही करने का उनमे दम नही। मुख्यमंत्री जी अगर सच मे ही जनता का दिल जीतने की चाहत रखते है तो एक नजर वन महकमे में भी डाले। जहां कुछ कर्मचारी उत्तराखण्ड की साख को बट्टा लगाने में जुटे है। राजाजी टाइगर रिजर्व के बेलगाम वार्डन कोमल सिंह एक बार फिर चर्चा में है। बीते कुछ दिनों पूर्व हरिद्वार के लालताराव बंगले में पार्क निदेशक डीके सिंह के समक्ष पार्क की महिला चिकित्सक व देहरादून जू के चिकित्सक को पाठ पढ़ाने वाला कोमल सिंह अब उल्टे ही वन महकमे के मुखिया को खुलेआम चुनोती देने लगे है।
बीते 27 अगस्त को पार्क की पशुचिकित्सक व देहरादून जू के चिकित्सक ने वन महकमे के मुखिया को कोमल सिंह के द्वारा अभद्रता किये जाने की लिखित शिकायत की थी, जिसके जवाब में वन प्रमुख जयराज ने पत्र के माध्यम से कोमल सिंह को कड़ी फटकार लगाते हुए जुबान काबू में रखने की सलाह दी थी। अपने उच्च अधिकारी द्वारा फटकारे जाने, जग हसाई व किरकरी के बाद अब कोमल सिंह ने उल्टे ही वन प्रमुख जयराज को ही सरकारी नियमावली का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया है। कोमल ने वन प्रमुख को उल्टे पत्र लिख कर न्ययालय जाने की धमकी दी है।
विवादों से इनका पुराना नाता
राजाजी का यह अदना वार्डन पिछले कई सालों से पार्क में अपना कब्जा जमाए बैठा है। वह महकमें के कुछ चर्चित आकाओं की पूजा व चरण वंदना के दम पर इनकी दुकान राजाजी में चल रही है। सूत्रों की माने तो यह बेलगाम वार्डन आज कल पार्क निदेशक के बगल में बैठ वन रेंजरों पर रौब गालिब करता है। वहीं डॉक्टरों के साथ हुई अभद्रता के वक्त भी निदेशक डी के सिह मौजूद थे, मगर उनके द्वारा कुछ न बोले जाने पर जयराज ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।
मगर उसके बावजूद भी कोमल की हेकड़ी कम नही हुई। दूसरी ओर पार्क के कुछ रेंजरों को सस्पेंड करवाने में भी इनका हाथ रहा है। सूत्रों की माने तो पार्क में हो रहे निर्माण कार्यो में बड़ा खेल रचा जाता है। जो ठेकेदार इनकी लिस्ट में फिट नही बैठते उनके बिलो को रोक दिया जाता है। पूर्व में भी वनकर्मियों के संगठनों ने इनके खिलाफ आंदोलन किया था, मगर उसके बावजूद भी आज तक यह वार्डन पार्क से हटने को तैयार नही है।