स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के पाँच सौ करोड़ रूपये से अधिक के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि मामले की जाँच के लिए एस.आई.टी. प्रमुख टी.सी.मंजूनाथ की जगह किसी दूसरे अधिकारी को एस.आई.टी.प्रमुख बनाकर जांच कराई जाए ।
एस.आई.टी.प्रमुख टी.सी.मंजूनाथ ने न्यायालय में प्राथर्ना पत्र देकर कहा था कि पूर्व में न्यायालय ने एक आदेश जारी कर कहा था कि जब तक इस मामले की जाँच पूरी नही हो जाती तब तक वे ही एस.आई.टी.के प्रमुख रहेंगे। चार वर्ष से वे इस मामले में जाँच कर रहे हैं ।
प्रमुख ने न्यायालय से प्रथर्ना की है कि इस आदेश को वापस लिया जाए क्योंकि इस आदेश से उनका प्रमोशन नही हो पा रहा है और न ही उनको प्रमोशन के समस्त लाभ दिए जा रहे हैं। न्यायालय ने पूर्व के आदेश को संशोधित कर सरकार को उनकी जगह नए एस.आई.टी.प्रमुख नियुक्त करने के निर्देश दिए। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी रविन्द्र जुगरान व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रो का छात्रवर्ति का घोटाला पिछले 2005 से किया जा रहा है । यह घोटाला लगभग पाँच सौ करोड़ रूपये से अधिक का है, इसलिए इस मामले की जाँच सी.बी.आई.से कराई जाय। छात्रवृति का पैसा छात्रो को न देकर स्कूलों को दिया गया या फिर उन लोगो को दिया गया है जो उस स्कूल के छात्र थे ही नही।