स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी द्वारा 300 यूनिट फ्री बिजली देने सम्बन्धी ‘केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड योजना’ को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई 8 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार देहरादून के विकासनगर निवासी पूर्व में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य संजय जैन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोटियाल ने उत्तराखंड की जनता को उनकी सरकार आने पर फ्री में 300 यूनिट बिजली देने का ‘केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड योजना’ जारी की जा रही है।
इसमें ये शर्त रखी गई है कि पहले उन्हें पार्टी द्वारा जारी मोबाइल नम्बर पर मिस्ड कॉल करना है, फिर उन्हें 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जाएगा । यह कार्ड सदस्यो को संभाल के रखना है, तभी उनको सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी ।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है आप पार्टी ने लिखित में रजिस्ट्रेशन कराना पूरी तरह असंवैधानिक है। याचिकर्ता ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने 300 यूनिट बिजली फ्री में देने का कोई लिखित पत्र सरकार को नही दिया और न ही राज्य में इनकी सरकार है। इस तरह के गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है।
यह कृत्य भ्रष्ट चरण की श्रेणी में आता है। यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है और इसपर आदर्श आचार संहिता के अंतगर्त रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2017 में आदर्श आचार संहिता कमीशन बनाने के आदेश दिए थे।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि वे इसका विरोध नही करते है, लेकिन बिना सरकार के गारंटी कार्ड देना जनता के साथ धोखा है । कहा कि यह तो सरकार का काम है। याचिकर्ता ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखंड, आम आदमी पार्टी के अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया है।