देश में तुष्टिकरण की राजनीति वर्षों से चल रही है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कैलाश मानसरोवर से लेकर केदारनाथ और देश के तमाम बड़े मंदिरों की यात्रा पर विपक्षी दल उन पर पहले मुसलमान और अब हिंदुओं का पैरोकार बनने का आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस वर्षों तक अल्पसंख्यकों और मुसलमानों की राजनीति करती रही है, किंतु भारतीय जनता पार्टी द्वारा हिंदुओं के पक्ष में लामबंद होने के बाद जो नुकसान कांग्रेस को हुआ, उसके बाद अब कांग्रेस ने मुसलमानों से दूरियां बनानी शुरू कर अपने को हिंदुओं का सबसे बड़ा पैरोकार साबित करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत अयोध्या में राम मंदिर बनाने की घोषणा भी कर चुके हैं।
उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह द्वारा इन दिनों जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक कांग्रेस कमेटियों का गठन किया जा रहा है। इसी के तहत ब्लॉक कांग्रेस कमेटी प्रतापनगर के अध्यक्ष सबल सिंह राणा ने ब्लॉक कांग्रेस अल्पसंख्यक सैल के अध्यक्ष पद पर अब्दुल लतीफ ग्राम व पोस्ट ऑफिस लंबगांव, जिला टिहरी गढ़वाल को तैनाती दे दी।
सबल सिंह राणा के इस कदम के बाद प्रतापनगर विधानसभा के तमाम लोगों ने विरोध शुरू कर दिया कि पहाड़ में जहां मुसलमान पहले ही न के बराबर हैं, में किसी मुस्लिम को प्रतिनिधि बनाने का क्या औचित्य? विरोध बढ़ता देख प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने भी इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई और ब्लॉक अध्यक्ष सबल सिंह राणा से अनुरोध किया कि तत्काल उक्त मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति रद्द की जाए। विरोध बढ़ता देख सबल सिंह राणा ने ऐलान किया कि अब्दुल लतीफ को कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से बाहर कर दिया गया है। अब्दुल लतीफ लंबगांव में वाल पेंटिंग के साथ-साथ बार्बर का काम भी करता है। नगर पंचायत क्षेत्र लंबगांव में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 है, जबकि जनसंख्या 70 के करीब है।
देखना है कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस किस प्रकार अपने आप को हिन्दू पार्टी बताकर वोट जुटाने का काम करती है।