पूर्व मंत्री डा. किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में उत्तराखंड में वनाधिकार कानून 2006 को लागू करने के साथ, उत्तराखंड को वनवासी राज्य घोषित कर राज्य के नागरिकों को वनवासी का दर्जा देने, केंद्र सरकार की नौकरियों में उत्तराखंड के लोगों को आरक्षण, हर परिवार को हर माह 100 यूनिट बिजली व 1 गैस सिलेंडर मुफ्त, राज्य को हर साल ग्रीन बोनस के रूप में 10 हजार करोड़, जंगली जानवरों से मानव हानि व फसल क्षति के नुकसान की उचित भरपाई, वनों व नदियों पर स्वामित्व व जड़ी-बूटियों के दोहन का अधिकार, तिलाड़ी कांड दिवस को वनवासी दिवस घोषित करने जैसे माँगों को लेकर उत्तराखंड के जन सरोकारों से जुड़े लोगों का एक शिष्टमंडल 5 व 6 फरवरी को दिल्ली में लोकसभा व राज्यसभा सांसदों सर्व श्री राजबब्बर, अनिल बलूनी, प्रदीप टम्टा, माला राज्यलक्ष्मी शाह, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, मधुसूदन मिस्त्री, अनुराग ठाकुर आदि सांसदों को मिलकर ज्ञापन सौंपा।
वनाधिकार समति के सदस्यों में श्री जोत सिंह बिष्ट, पंकज रतूड़ी, प्रेम बहुखंडी, राजेन्द्र सिंह भंडारी, सुरेंद्र रांगड़, संजय भट्ट, प्रदीप भट्ट, मुकेश कोरी, त्रिलोक सिंह द्वारा ज्ञापन की प्रति आज संसद परिसर में स्थित कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा, एनसीपी, कम्युनिस्ट, डीएमके, ऐ.डी.एम.के., शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल, जैसे 16 राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के अध्यक्षों/नेता सदन के कार्यालय में उनके प्रतिनिधियों को सौंपा।
मुलाकात के दौरान सभी नेताओं ने मांग को उचित बताकर सहयोग का आश्वासन दिया।