भूपेंद्र कुमार
उत्तराखंड पुलिस में विजिलेंस के सिपाही ने खुद को सरकारी राइफल से गोली मारकर आत्हमत्या कर ली।
चंद्रवीर मानसिक रुप से लंबे समय से परेशान था। मूल रुप से पौड़ी निवासी सिपाही चंद्रवीर हरिद्वार में तैनात था। हरिद्वार की तत्कालीन sp सिटी ममता गोरा ने चंद्रवीर की काउंसलिंग भी करवाई थी लेकिन चंद्रवीर अपने आप को अवसाद से नहीं बचा सका और शनिवार सुबह डोईवाला स्थित मकान में चंद्रवीर ने आत्महत्या कर ली।
चंद्रवीर के मकान में उनकी पत्नी, एक बच्ची और मां-बाप का रो रो कर बुरा हाल है। सिपाही चंद्रवीर के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर मुकुल शर्मा के अनुसार चंद्रवीर अवसाद के दौर से गुजर रहा था, लेकिन खुद को एकाकी पन से नहीं बचा सका।
इससे पहले चंद्रवीर के तीन घनिष्ठ दोस्तों ने भी आत्महत्या कर दी थी। चंद्रवीर के तीन दोस्तों ने खुद को फांसी लगा दी थी। चंद्रवीर का दोस्त विपिन भंडारी भी पौड़ी का ही रहने वाला था लेकिन देहरादून के मोथरोवाला में उसने अपने मकान पर बेल्ट से फांसी लगा दी थी।
चंद्रवीर के दो अन्य दोस्त जगदीश और हरीश भी 2012 मे एक साथ भर्ती हुए भी थे हरीश का शव हरिद्वार के सिंहद्वार प्रेमनगर पुलिया के पास एक सरिए ने लटका हुआ मिला था और हरीश की बाइक किनारे पर गिरी थी। वहीं जगदीश ने भी सिडकुल स्थित अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी थी।
यह तीनों दोस्त भी मानसिक तौर पर काफी परेशान थे। ममता वोहरा ने इन आत्महत्याओं के चलते जिले के सभी पुलिस कांस्टेबल की काउंसलिंग कराई थी। चंद्रवीर की आत्महत्या यह बताने के लिए काफी है कि उत्तराखंड में पुलिस कर्मचारी काफी मानसिक दबाव गुजर रहे हैं।