अंकित तिवारी,
देहरादून
बेइज्जती होना अस्वीकार है , मेरी आवाज मेरा अधिकार है । यातयात निदेशालय , उत्तराखंड पुलिस द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “आवाज” नाम की एक पहल की गयी , जिसमें देहरादून जनपद की साठ सिटी बसों (सार्वजनिक यातायात वाहनों) में प्रत्येक सीट के आगे एक सीटी लगायी गयी थी।
प्रत्येक सीटी पर उत्तराखंड पुलिस लिखा हुआ था। जिससे बस में किसी भी महिला से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की घटना होने पर वह अपनी आवाज इस सीटी को बजाकर उठा सकती थी।
उत्तराखंड पुलिस के अनुसार मनोवैज्ञानिक रूप से भी छेड़छाड़ करने वालों पर इससे रोक लगेगी। इस प्रयोग से चालक , परिचालक भी अलर्ट होंगे।
उत्तराखंड पुलिस को उम्मीद थी कि सार्वजनिक वाहनों में पूर्व में महिलाओं की सुरक्षा के लिए किये गए उपायों के साथ-साथ यह प्रोजेक्ट “आवाज” महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
उत्तराखंड पुलिस की इस पहल के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए । परन्तु आसामाजिक तत्व अपनी हरकतों से बाज नही आए। और उत्तराखंड पुलिस की सीटी से ही छेड़छाड़ कर गए।
कहीं सीटों पर चेन से बंधी सीटी चोरी हो गयी तो कहीं चेन और कहीं चेन और सीटी दोनों गायब।