आपके प्रिय न्यूज़ पोर्टल पर्वतजन की खबरों पर आपकी गर्मजोशी भरी प्रतिक्रियाओं और शेयर का ही असर है कि अतिक्रमण चिन्हीकरण टीम को दो घंटे के भीतर भीतर पंकज कुमार पांडे के आवास पर दोबारा से लाल निशान लगाना पड़ा।
देहरादून में कालिदास रोड पर आईएएस पंकज कुमार पांडे के आवास पर अतिक्रमण हटाने की अभियान वाली टीम ने अब दोबारा से लाल निशान लगा दिया है।
गौरतलब है कि पर्वतजन ने आज यह खबर प्रकाशित की थी कि IAS तथा सूचना महानिदेशक पंकज कुमार पांडे ने अपने आवास की बाउंड्री पर लगे लाल निशान को थिनर से मिटवा दिया है, तथा उस पर चस्पा अतिक्रमण के चिन्हीकरण वाला नोटिस भी फड़वा दिया है।
पहले
अब
जैसे ही यह खबर पर पर्वतजन पोर्टल से वायरल हुई, अतिक्रमण चिन्हीकरण टीम ने इसका संज्ञान लिया और उच्चाधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी। उच्चाधिकारियों ने हाईकोर्ट से जुड़ा मामला होने के चलते किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से साफ इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी दी गई तो उन्होंने भी कानून के हिसाब से काम करने का ही इशारा दिया। परिणामस्वरूप दोबारा से अधिकारी के घर पर लाल निशान लगा दिया गया।
इस बार निशान अधिकारी के गेट के दोनों तरफ लगाया गया है। पंकज कुमार पांडे द्वारा लाल निशान मिटवाए जाने के बाद आसपास के लोगों ने इसका विरोध किया था, तथा विरोध स्वरूप पास ही रहने वाले स्थानीय विधायक गणेश जोशी से इसकी शिकायत भी की थी।
गणेश जोशी ने अधिकारी की शिकायत मुख्यमंत्री से करने का आश्वासन दिया था। एक तरफ शहर में नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारी खुद ही अपने अतिक्रमण हटा रहे हैं, वहीं पंकज कुमार पांडे ने अतिक्रमण के चिन्हीकरण के लिए लगाए गए निशानों को मिटा दिया। अतिक्रमण के निशान हटाने वाला यह एकमात्र उदाहरण है।
गणेश जोशी ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि यदि कोई आम आदमी यह काम करता तो कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा ऐसी हरकत बिल्कुल गलत है। बहरहाल अतिक्रमण चिन्हीकरण की टीम द्वारा दोबारा निशान लगाने के बाद क्षेत्र वासियों का आक्रोश अब शांत दिख रहा है।
उम्मीद जताई जा रही है कि कल यह अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। पंकज कुमार पांडे के एक पड़ोसी ने बताया कि उन्होंने खुद अपनी आंखों से देखा कि पंकज कुमार पांडे के सुरक्षाकर्मियों ने थिनर के इस्तेमाल से लाल निशान मिटाया है।
पड़ोसी इस बात पर आक्रोशित दिखे कि जब उनके अतिक्रमण तोड़े जा रहे थे, तो इन आईएएस का अतिक्रमण क्यों नहीं तोड़ा गया ! आखिर दो तरह के मापदंड क्यों अपनाए गए ! बहरहाल इस बवाल के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कल यह अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा।
आज दिन में थोड़ी देर के लिए पर्वतजन की साइट हैक हो जाने के कारण कोई पाठक पर्वतजन की वह खबर नहीं पढ़ पाए हों तो उस खबर को आप फिर से नीचे पढ सकते हैं ।