कुलदीप एस राणा
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई अनियमित एवं अवैध नियुक्तियों के विरुद्ध राजभवन एवं उत्तराखंड शासन ने लिया गहराई से संज्ञान। कुलसचिव के विरुद्ध हो सकती है कठोर कार्यवाही।
ज्ञात हो कि विगत दिनों विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन द्वारा अप्रैल 2018 में जारी शासनादेश को दरकिनार कर की गई अनियमित एवं अवैध नियुक्तियों का मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित खबरों का महामहिम राज्यपाल महोदय एवं आयूष विभाग ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए दिनांक 04 अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन से 04 प्रमुख विन्दुओं पर 04 दिनों के अन्दर नियुक्ति प्रक्रियाओंं की पूरी पत्रावली सहित आख्या माँगी गयी थी, जिसका विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने निर्धारित समय सीमा के अंतिम दिन यानी कल दिनांक 08 अक्टूबर को अपने पत्रांक सँ. 1637 के माध्यम से बिना संबंधित पत्रावलियों के गोलमाल जबाब शासन को उपलब्ध कराया जिससे असंतुष्ट होकर शासन ने आज पुनः आज ही सायं 5.30 तक विश्वविद्यालय प्रशासन को समस्त पत्रावलियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, राजभवन के निर्देश पर आज शासन द्वारा एक ही दिन में समस्त दस्तावेजों को उपलब्ध कराने हेतु जारी फरमान से विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया।
सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन के पास इस प्रकरण में शासन को उपलब्ध कराने के लिए कोई भी पत्रावली नही है। सारा खेल हवा हवाई हुआ है।राजभवन और शासन के इस सख्त रुख से विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव पर गंभीर गाज गिरने की प्रबल संभावना है।