उत्तराखंड में विधायक निधि पर कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं। इस निधि को चुनाव जीतने का सबसे बड़ा माध्यम माना जाता है। कई ऐसे विधायक हैं, जो चार साल तक हर वर्ष मिलने वाली साढे 4 करोड़ रुपए की विधायक निधि को खर्च करने की बजाय आखिरी वर्ष में इस उम्मीद में खर्च करते हैं कि सारा पैसा उनके कार्यकर्ताओं की जेब में चला जाए और चुनाव जीत लिया जाए।
इससे इतर देहरादून में विधायक निधि के दुरुपयोग का एक ऐसा मामला सामने आया है, जो विधायकों के अलावा कार्यदायी संस्थाओं के ज्ञान पर भी सवाल खड़े करता है। देहरादून के कारमन स्कूल के बाहर 8.15 लाख विधायक निधि से बनने वाले सीसी मार्ग, जिसका निर्माण ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा किया गया है, में अनियमितता का जो मामला सामने आया है, वह गौर करने लायक है।
विकास कार्य के बोर्ड लगाने वाले विभाग ने नियम कायदों को धता बताते हुए सरकारी बोर्ड पर कमल का फूल भी चस्पा किया है। 8.15 लाख के इस मार्ग को हालांकि मेन कर्जन रोड से टीएच खान के घर तक सीसी मार्ग के रूप में दर्शाया गया है, किंतु वास्तव में जिस मनोनीत विधायक जीआईजी मैन ने यह धनराशि स्वीकृत की है, यह सड़क स्वयं विधायक के निजी विद्यालय कारमन स्कूल और उनके निजी घर के लिए बनाई गई है।
विधायक जीआईजी मैन ने सिर्फ अपने घर के सामने ही अपनी विधायक निधि खर्च नहीं की है, बल्कि घर और स्कूल के आस-पास के सभी रास्तों में अपनी विधायक निधि बांटकर स्पष्ट कर दिया है कि विधायक जीआईजी मैन के लिए विधायक निधि के क्या मायने हैं!
कुल मिलाकर एक विधायक द्वारा विधायक निधि को अपने घर पर खर्च करने के इस गंभीर मामले पर देहरादून में चर्चा तो बहुत है, किंतु अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। देखना है कि जीआईजी मैन की विधायक निधि को शिशु मंदिरों और विद्या मंदिरों में खपाने वाले भाजपाई इस पर अब क्या प्रतिक्रिया देते हैं?