कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने कॉर्बेट नैशनल पार्क सम्बन्धी गलत जानकारियां देने से नाराज होकर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव और मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को कल शुक्रवार को तलब किया है।
उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हिमालयन युवा ग्रामीण विकास संस्थान रामनगर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त रूख अपनाया है।
न्यायालय ने सितावनी, ढेला, झिरना, बिजरानी जोन, कालागढ़ व् राजाजी नेशनल पार्क में कुल 120 वाहनों के चलने की अनुमति दी है। न्यायालय ने इन 6 जोन में से प्रत्येक जोन में 20 वाहन चलने की अनुमति दी है।
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अपर मुख्य सचिव को गलत शपथपत्र फ़ाइल करने और कोर्ट को गुमराह करने को लेकर कल व्यक्तिगत रूप से कॉर्ट में पेश होने के निर्देश दिए है। साथ ही जानवरों के लिए कैमरा ट्रैप लगाने का काम प्राइवेट संस्थान को देने के मामले में मुख्य वाइल्ड लाइफ वार्डन को भी न्यायालय में पेश होने के निर्देश दिए है। न्यायालय में कल फिर मामले में होगी सुनवाई।
आपको बता दें कि 3 अगस्त को खण्डपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को शपथपत्र पेश कर बताने को कहा था कि
आपको बता दें कि 3 अगस्त को खण्डपीठ ने राज्य के मुख्य कर बताने को कहा था कि :-
1. कार्बेट पार्क में रिजॉर्ट किस एक्ट के तहत चल रहे हैं ?
2. रात्री में पर्यटको को इन गैस्ट हाउसों में रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है ?
3. नैशनल पार्क में कितने गुज्जर परिवार रह रहे हैं और उनको हटाने की क्या व्यव्स्था है?
4. बाघों के सरक्षण के लिए नैशनल पार्को में गठित स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स अभी तक क्यों काम नही कर रही है?
5. कार्बेट पार्क की 6 रेंजो में कितनी गाड़ियों को चलाने की अनुमति दी जाती है आदि प्रश्नो के जवाब देने को कहा गया था। जिस पर 6 अगस्त को राज्य के अपर मुख्य सचिव की तरफ से सपथपत्र पेश किया गया था। न्यायालय सरकार से मिली जानकारी से सन्तुष्ट नही दिखी। मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खण्डपीठ ने दोबारा से शपथपत्र पेश करने को भी कहा था।
आज अपर मुख्य सचिव रणबीर सिंह द्वारा सपथपत्र पेश किया गया। खण्डपीठ ने जब सपथपत्र को पढ़ा तो उसमें पाया कि जितने भी प्रशन पूछे गए थे, उनके गोलमोल उत्तर दिए गए हैं । न्यायालय ने कार्बेट के 6 जोन में से प्रत्येक ज़ोन में 20 गाड़िया चलने के आदेश दिए थे, परन्तु सपथपत्र में प्रत्येक जोन में सौ -सौ गाड़िया चलाने का पेश किया गया।
शपथ पत्र के पैराओ को रिकॉर्ड संगलन होने की बात कही गयी, परन्तु कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया था।
मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ नें अपर मुख्य सचिव रणबीर सिंह व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को व्यग्तिगत रूप से कल कोर्ट में पेश होने को कहा है और पूर्व में पारित आदेश का स्पष्टिकरण देने को कहा है। कल फिर मामले में होगी सुनवाई।