कृष्णा बिष्ट
हल्द्वानी के बेस अस्पताल में एक मरीज से ऑपरेशन कराने के लिए डॉक्टर और नर्स द्वारा पैसे वसूल करने की चर्चा दिन भर गर्म रही।
“इलाज कराने के नाम पर नर्स ने ऑपरेशन थिएटर में मरीज से रकम तो वसूली लेकिन रकम का कोई भी बिल नहीं दिया।”
यह मामला उजागर होने पर बवाल हो गया। हौसला पाकर पीड़ित मरीज ने अस्पताल के सीएमएस से इसकी शिकायत की। मीडिया के दबाव में सीएमएस को जांच के बाद कार्यवाही करने का आश्वासन देना पड़ा।
पर्वतजन संवाददाता ने जब सीएमएस से इस मामले में बात की तो सीएमएस ने बताया कि उनके संज्ञान में भी यह खबर आई थी लेकिन किसी भी पीड़ित पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है, उन्होंने भी इस बारे में केवल सुना है।
गौरतलब है कि बेस चिकित्सालय हल्द्वानी में लंबे समय से इलाज के नाम पर रिश्वत लेने का खेल चल रहा है। डॉक्टर पैसे न देने वाले मरीजों को दवाई और उपकरण न होने की बात कहकर चलता कर देते हैं अथवा अपने निजी क्लीनिक पर बुलाने का दबाव डालते हैं और यदि मरीज उन्हें पैसे दे दे तो वह पैसे अपनी जेब में डाल कर अस्पताल के खर्चे पर ही मरीज का इलाज कर देते हैं।
एक ओर आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के सहारे सरकार मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात कहती है, वहीं डॉक्टर सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों से भी इस तरह की वसूली कर रहे हैं तो यह अपने आप में स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह तो खड़े करता ही है, जीरो टोलरेंस पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।