उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी पंकज पांडे और चंद्रेश यादव के निलंबन के बाद सरकार का पूरा फोकस जीरो टोलरेंस पर आ गया है। सरकार मानने लगी है कि जीरो टोलरेंस के सहारे शेष कामों में पिछडऩे के दाग धुल सकते हैं। कुछ समय पहले आर मीनाक्षी सुंदरम के एमडीडीए कार्यकाल के दौरान की जांच भी उसी जीरो टोलरेंस वाली इमेज मेकिंग दृष्टिकोण वाली थी।
ताजा मामला सचिवालय में दो महिला आईएएस अफसरों के बीच हुई गर्मागर्म बहस का है। आईएएस पद से वीआरएस लेकर कुछ दिन बाद ही सरकार में नवगठित सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस(सीपीपीजीजी) के अध्यक्ष बने उमाकांत पंवार जीरो टोलरेंस के निशाने पर हैं। हालांकि सीपीपीजीजी के पद पर मुख्य सचिव से लेकर अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों से कोई तवज्जो न मिलने के कारण उमाकांत पंवार ने इस पद से भी फरवरी २०१८ में इस्तीफा दे दिया था। पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार उमाकांत पंवार नए दायित्व के दिशानिर्देशों के लिए मुख्य सचिव से मुलाकात चाहते थे, लेकिन अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण मुख्य सचिव ने उन्हें कुछ मौकों पर आधा से एक घंटे तक वेट करा दिया था। यही उपेक्षा उनके इस्तीफे का कारण बनी।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार के कामों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार कर उन्हें तब चार्जशीट देने की तैयारी कर दी है, जबकि उमाकांत पंवार बाद में मिले पद से भी बाहर हो गए हैं।
इस बीच सरकार द्वारा उमाकांत पंवार को चार्जशीट देने की भनक उनकी पत्नी मनीषा पंवार प्रमुख सचिव उत्तराखंड शासन को लगी तो वे आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी से मिलने पहुंची। सरकार की जीरो टोलरेंस वाली नीति में जो अफसर सरकार की गुडबुक में हैै, उनमें आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी भी शामिल है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी के हस्ताक्षर से ही पंकज कुमार पांडे और चंद्रेश यादव के निलंबन का पत्र जारी हुआ था। पति उमाकांत पंवार को चार्जशीट दिए जाने की बात को लेकर जब मनीषा पंवार ने राधा रतूड़ी के सामने प्रतिक्रया दी तो उन्होंने भी जीरो टोलरेंस का हवाला दिया। पति को चार्जशीट दिए जाने की चर्चा पर मनीषा पंवार और राधा रतूड़़ी में सचिवालय में ही जोरदार बहस की खबर है।
ज्ञात रहे कि राधा रतूड़ी को दिसंबर में मुख्य सचिव बनाने की भी तैयारी जोरों पर है। देखना है कि जीरो टोलरेंस के इस शोर के बीच राधा रतूड़ी मुख्य सचिव बनने से पहले जीरो टोलरेंस के इस नारे को किस प्रकार धरातल पर उतारती है।