जगदम्बा कोठारी, रूद्रप्रयाग
उत्तराखंड को सैनिक बाहुल्य क्षेत्र देखते हुए वर्ष 2013-14 में तत्तकालीन कांग्रेस सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री रहते हुए क्षेत्रीय विधायक हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा के जखोली विकासखंड के बणमा पट्टी में प्रदेश के दूसरे सैनिक स्कूल का शिलान्यास धूमधाम से किया।
उत्तराखंड भारतवर्ष का ऐसा पहला राज्य है, जहां पहला सैनिक स्कूल घोड़ाखाल नैनीताल में पहले से ही स्थित है और अब रुद्रप्रयाग में दूसरा सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति मिली है। सैनिक स्कूल निर्माण के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने भी 1000 नाली से भी अधिक सिंचित कृषि भूमि दान स्वरूप दे दी। विद्यालय भवन निर्माण के लिए हरक सिंह रावत ने तत्काल 1० करोड़ रुपए जिसमें (५ करोड़ सैनिक कल्याण विभाग और 5 करोड़ उपनल के माध्यम) से स्वीकृत कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
अपने मौसा हरक सिंह रावत द्वारा किए गए इस काम की देखादेखी पहली बार विधायक बने देवप्रयाग से भाजपा के विनोद कंडारी ने केंद्र सरकार को अपनी विधानसभा में एक सैनिक स्कूल खोलने का पत्र लिखा, किंतु सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में दो सैनिक स्कूल स्वीकृत हैं, इसलिए इस पर विचार नहीं किया जा सकता।
बतौर कार्यदायी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को स्कूल निर्माण का कार्य सौंप दिया गया। लगभग दो वर्ष तक स्कूल निर्माण कार्य चला और वर्ष 2016 तक 1० करोड़ रुपये खर्च कर उत्तर प्रदेश निर्माण निगम स्कूल निर्माण के नाम पर महज खेतों का समतलीकरण, एप्रोच मार्ग और पेयजल व्यवस्था ही निर्माण स्थल तक पहुंचा सका और शेष निर्माण कार्य के लिए शासन को 50 करोड़ रुपए का एस्टीमेट भेज दिया।
इसी दौरान राजनीतिक उथल-पुथल के चलते हरक सिंह कांग्रेस से बगावती होकर भाजपा मे चले गये और सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने 1० करोड़ रुपए समतलीकरण पर खर्च कर शेष निर्माण कार्य बजट न होने का रोना रोते हुए बंद कर दिया। तब से लेकर दो वर्ष बाद अभी तक सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य बंद पड़ा है।
जानकारों की माने तो 1० करोड़ महज खेत समतीकरण पर खर्च होना निर्माण कार्य में एक बड़े घोटाले का संकेत है। गत वर्ष सर्वप्रथम पर्वतजन ने ‘सैनिक स्कूल जखोली में करोड़ों रुपये का घोटाला’ नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर निर्माण कार्य मे हुए इस धांधली का पर्दाफाश किया था। अब दो वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू न होने से गुस्साए स्थानीय ग्रामिणों और जनप्रतिनिधियों ने एक व्यापक आंदोलन करने की चेतावनी वर्तमान भाजपा सरकार को दी है।
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बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए वर्तमान स्थानीय विधायक भरत सिंह चौधरी ने निर्माणाधीन सैनिक स्कूल का स्थलीय निरीक्षण किया तो प्राथमिक जांच में 2 करोड़ का घोटाला निर्माण कार्य में उजागर हुआ, जिसमें 50 लाख की रिकवरी उत्तर प्रदेश निर्माण निगम से की जा चुकी है। विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि उन्होंने सैनिक स्कूल के निर्माण में तेजी से काम के लिए मुख्यमंत्री के साथ-साथ संबंधित विभाग के आईएएस अमित नेगी और रंजीत कुमार सिन्हा से बात की है और अगले वित्तीय वर्ष में इसके निर्माण के लिए कुछ धनराशि मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश में किसी भी सैनिक स्कूल का निर्माण सैनिक स्कूल सोसायटी करती है, जिसका अध्यक्ष प्रदेश का शिक्षा मन्त्री होता है लेकिन मानकों के विपरीत सैनिक स्कूल रूद्रप्रयाग का निर्माण कार्य शिक्षा विभाग के बजाये अब तक सैनिक कल्याण विभाग करवा रहा था।
देखना है कि बीस की स्पीड से चलने वाले डबल इंजन सरकार कब इस महत्वपूर्ण विषय पर पहल करती है।