मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी सुनीता रावत के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पुलिस की जांच में सही पाए गए हैं। गौरतलब है कि पूर्व भाजपा नेता तथा जिला पंचायत सदस्य सुभाष शर्मा ने मुख्यमंत्री की पत्नी के शैक्षणिक दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल खड़े किए थे।
सुभाष शर्मा का कहना था कि रावत के इंटरमीडिएट के दस्तावेज मान्य नहीं है और उन्होंने उत्तर मध्यमा जैसा कुछ किया है, जोकि नौकरी के लिए योग्य प्रमाण पत्र नहीं है।
सुभाष शर्मा द्वारा मीडिया में यह आरोप लगाए जाने पर सुनीता रावत ने सुभाष शर्मा के खिलाफ अनर्गल दुष्प्रचार करने और छवि खराब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया था।
इसके बाद पुलिस ने शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए जांच टीम गठित की तथा इलाहाबाद, पौड़ी और श्रीनगर स्थित संस्थानों में डिग्रियों की जांच पड़ताल की। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में यह पाया है कि सुनीता रावत के इंटरमीडिएट और स्नातक के प्रमाण पत्र सही हैं।
हालांकि पुलिस ने इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। प्रमाण पत्रों के सत्य पाए जाने के बाद अब सुभाष शर्मा की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है।
चर्चा है कि सुभाष शर्मा अपने खिलाफ दायर मुकदमे को लेकर हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं।
सुभाष शर्मा का कहना है कि जिन धाराओं में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, वह धाराएं तो उन पर बनती ही नहीं है।