अनुज नेगी, पौड़ी
रिजर्व फॉरेस्ट में वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कानून को ताक पर रखकर धड़ल्ले से चलाई जा रही है,जेसीबी मशीनें
चमोली। जनपद चमोली के थराली ब्लॉक के रिजर्व फॉरेस्ट में कानून ताक पर रखकर दिन दहाड़े जेसीबी मशीनों से धड़ल्ले से खुदान का कार्य किया जा रहा है।जिसके कारण वन्यजीवों को खतरा बना हुआ है।
थराली ब्लॉक के ग्वालदम-देवाल में एक निजी कंम्पनी व वन विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते रिजर्व फॉरेस्ट में वन्यजीवों को आए दिन हादसे का शिकार होना पड़ रहा है ,लेकिन वन विभाग व प्रशासन भी आंखें मूंदे हुए है।
रिजर्व फॉरेस्ट के मध्य पिंडर थराली रेंज के अंतर्गत ग्वालदम-देवाल मोटरमार्ग के रिजर्व फॉरेस्ट में एक निजी संचार कंपनी ने अपने ओएफसी लाइन बिछाने के लिए वन विभाग क्षेत्र में दिन दहाड़े पूरी सड़क जेसीबी मशीन से खोद डाली है,जबकि रिजर्व फॉरेस्ट(वन्यजीव क्षेत्र) में किसी भी प्रकार निर्माण कार्य य अन्य कार्य करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है,और जेसीबी मशीन प्रतिबंधित है।
बावजूद इसके रिर्जव फॉरेस्ट में कंपनी ने कई किलोमीटर सड़क को खोदकर रिजर्व फॉरेस्ट के वन्यजीवों को खतरा बना दिया है, बावजूद इसके जिम्मेदार वन विभाग सोया हुआ है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि ग्वालदम-देवाल मोटरमार्ग क्षेत्र में अधिक मात्रा में वन्यजीव की गतिविधियों की गुंजाइश होती है,और गर्मियों में वन्यजीव पानी के लिए नदियों का रूख करते हैं।
इस मामले में जब मीडिया कर्मियों ने रिजर्व फॉरेस्ट के मध्य पिंडर थराली रेंज के ग्वालदम चौकी के फॉरेस्टर को इसकी सूचना दी तो ग्वालदम के फॉरेस्टर मक्खन लाल और उनके सुपुत्र मौके पर मीडिया कर्मचारियों के कार्ड माँगने लगे और यह कहने लगे मोदी का विकास कार्य हो रहा है।और मीडिया कर्मियों के साथ बदसलूकी करने लगे।
क्या कहते हैं गढ़वाल वन प्रभाग के मुख्य वन सरक्षक जी एस पांडेय
वन अधिनियम के मुताबिक,रिजर्व फॉरेस्ट में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नही किया जाता,वन विभाग की और से जाँच टीम भेज दी गई है,निजी कंपनी के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी और उनकी मशीनों को जब्त किया जायेगा।