बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा सत्य देवनारायण आर्य को हरियाणा का राज्यपाल बनाकर भेजा गया है।
गंगा प्रसाद को सिक्किम का राज्यपाल, तथागत राय को मेघालय और कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा के गवर्नर की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके अलावा लाल जी टंडन को बिहार, सतपाल मलिक को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाकर भेजा गया है।
बेबी रानी मौर्य वर्ष 2007 में एदमतपुर आगरा उत्तर प्रदेश से भाजपा की विधायक प्रत्याशी रही और विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही।
वर्ष 2012 में भी वह विधायक का चुनाव लड़ने वाली थी लेकिन फिर उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। श्रीमती मौर्य राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रही हैं। श्रीमती मौर्य पार्टी के प्रति सदैव वफादार रही हैं यही कारण है कि उन्हें राज्यपाल के रूप में नवाजा गया है।
राज्यपाल बनाए जाने की सूचना मिलते ही बेबी रानी आर्य तत्काल फ्लाइट से आगरा के लिए लौट आई हैं बेबी रानी की सास कमला देवी कहती है कि उनको राज्यपाल बनाया जाना उनकी पार्टी के प्रति वफादारी को दर्शाता है। फिलहाल आगरा में उनके निवास स्थान पर विशाल जुलूस और स्वागत की तैयारियां की जा रही है।
आगरा के बालूगंज इलाके की रहने वाली बेबी रानी मौर्य आजकल अमेरिका के दौरे पर हैं। m.a. B.Ed शिक्षित बेबी रानी मौर्य की ताजपोशी से आगरा में भी खुशी की लहर है। बेबी रानी मौर्य की छवि एक आम कार्यकर्ता की तरह बिल्कुल व्यवहारिक और जमीन से जुड़ी हुई है
बेबी रानी मौर्य की जन्मतिथि 15 अगस्त 1956 है। श्रीमती मौर्य आगरा की मेयर भी रह चुकी हैं। वर्तमान में बेबी रानी मौर्य उत्तर प्रदेश सरकार में बाल आयोग की सदस्य है 3 अगस्त को ही बाल आयोग की सदस्य मनोनीत हुई थी।
एससी ओबीसी के छिटकते वोट बैंक को समेटने का दांव
इस बार भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जिस तरह से राज्यों में राज्यपालों की नियुक्तियां की है, उसके पीछे हाथ से छिटकते पिछड़े व दलित वोट बैंक को समेटने की जद्दोजहद देखी जा रही है।
बेबी रानी मौर्य की नियुक्ति पर अखिल भारतीय मौर्य महासभा के राष्ट्रीय महासचिव विजय के मौर्य ने टिप्पणी करते हुए बताया कि “बेबी रानी मौर्य अनुसूचित जाति के समाज से हैं। वह मौर्य वंश से नहीं हैं, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ जगह जाटव समाज के लोग मौर्या भी लिखते हैं।”
उत्तर प्रदेश शासन ने अपने 2 अगस्त को जारी अधिसूचना में बेबी रानी मौर्य को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में आगरा जनपद से सदस्य के रूप में नामित किया था। वरिष्ठता की सूची में बेबी रानी मौर्य का छठवा नंबर था।
ऐसे में श्रीमती मौर्य को सीधे उत्तराखंड का राज्यपाल बनाए जाने के पीछे जाहिर है कि केंद्र सरकार का एक बड़ा सियासी लक्ष्य है।