लंबे समय से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी और गबन करके बचते रहे देहरादून के विंडलास बिल्डर के दामाद प्रणव रस्तोगी और ओबरॉय मोटर्स पर आखिरकार मुकदमे दर्ज हो ही गए।
प्रणब रस्तोगी पर हरिद्वार की खनन उपनिदेशक ने विभाग के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। प्रणब रस्तोगी ने हरिद्वार में खनन का एक ठेका अपने नाम आवंटित कराया था, इसके एवज में रस्तोगी ने 9 फरवरी 2018 को धरोहर राशि 98 लाख रुपए का ड्राफ्ट विभाग में जमा कराया लेकिन फिर एक विभागीय कर्मचारी को अपने जाल में फंसा कर यह विश्वास करा दिया कि यह ड्राफ्ट कालातीत हो गया है इसलिए वह नया ड्राफ्ट बना कर देगा।
प्रणब रस्तोगी ने 5 जून 2018 और 7 जून 2018 को इस तरह के दो पत्र खनन विभाग को देकर ड्राफ्ट वापस करने के लिए अनुरोध किया।
कर्मचारी ने ड्राफ्ट वापस कर दिया, किंतु रस्तोगी ने नया ड्राफ्ट बनाकर नहीं दिया। खनन विभाग में 11 सितंबर तथा 24 सितंबर को पत्र लिखकर रस्तोगी से नया ड्राफ्ट जमा कराने के लिए कहा।
जब विभाग में कई बार कहा किंतु रस्तोगी नहीं माना तो खनन उपनिदेशक दिनेश कुमार ने रस्तोगी के खिलाफ सिडकुल थाने में एफ आई आर दर्ज करा दी।
वहीं दूसरी ओर ओबरॉय मोटर्स के खिलाफ भी करोड़ों रुपए के गबन का मुकदमा पंजीकृत हुआ है। ओबरॉय मोटर्स पर आरोप है कि उसने आईसीआईसीआई बैंक हाथीबड़कला देहरादून से 24 कार फाइनेंस की थी। वर्ष 2014 में 24 कारों के लिए लोन दे दिया गया था। शुरुआत में कुछ किस्त जमा कराने के बाद ओबरॉय कंपनी ने किश्त देना बंद कर दिया कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी जब किस्त जमा नहीं कराई गई तो बैंक ने लोन स्वीकृत वाहनों की तलाश कराई परंतु कंपनी द्वारा दी गई आर सी पर कोई वाहन नहीं मिला।
इस प्रकार कंपनियों ने उक्त गाड़ियों की खरीद न करके बैंक से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपए का लोन स्वीकृत कराकर धोखा धड़ी कर दी ओबरॉय मोटर्स के खिलाफ थाना कोतवाली में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।