पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

ओम प्रकाश (पार्ट 14) : भ्रष्ट ओमप्रकाश का भ्रष्ट प्यादा बनेगा रजिस्ट्रार !आंखें मूंदे बैठे सी एम !

May 23, 2018
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT
आज से 3 दिन बाद भाजपा केंद्र सरकार के 4 साल पूरे होने के जश्न और थराली उपचुनाव में व्यस्तता के चरम पर होगी और इधर प्रदेश के महाभ्रष्ट ब्यूरोक्रेट और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इस मौके का फायदा अपने चहेते और भ्रष्ट लोगों को महत्वपूर्ण नियुक्तियां देने के लिए हरिद्वार में साक्षात्कार आयोजित किए हुए हैं। हरिद्वार के संस्कृत विश्वविद्यालय में 26 फरवरी को घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी के प्रोफेसरों सहायक प्रोफेसर और रजिस्ट्रार के लिए दिखावे के साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे हैं।
पहले भी घपले के कारण हुए साक्षात्कार निरस्त ।
 इससे पहले जनवरी 2013 को भी इंजीनियरिंग कॉलेज में रिक्त प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों के लिए भर्तियां आयोजित की गई थी। लेकिन भारी लेनदेन और धांधलियों की शिकायत होने पर यह भर्तियां निरस्त कर दी गई थी। किंतु भ्रष्ट ओम प्रकाश लगता है, सुधरने को राजी नहीं है। इसलिए फिर से उन्हीं घपले-घोटालों की राह पर चल रहे हैं।
पर्वतजन के पास पुख्ता सबूत
  पर्वतजन के पास जो तथ्य हैं, उससे साफ है कि यह साक्षात्कार मात्र दिखावे के लिए आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें भारी घपले की आशंका है। यह साक्षात्कार भी पहले से ही फिक्स हैं।
 मुख्यमंत्री के संज्ञान में इस घोटाले को पर्वतजन सहित प्रदेश के तमाम जन संगठन और प्रबुद्ध नागरिक भी ला चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कोई ऐसी दुखती नस ओमप्रकाश ने दबा रखी है कि मुख्यमंत्री चाहकर भी इस साक्षात्कार को नहीं रोक पा रहे। उत्तराखंड में इतने प्रचंड बहुमत की सरकार न पहले कभी थी और न संभवत: अब होगी। इसी के ठीक उलट इतना लाचार और निष्क्रिय मुख्यमंत्री भी प्रदेश को न इससे पहले कभी मिला और न संभवत: कभी मिलेगा !
पर्वतजन तथ्यों के आधार पर इस साक्षात्कार को दिखावे का साक्षात्कार इसलिए कह रहा है, क्योंकि इस साक्षात्कार के लिए चयन समिति में चुन-चुन कर चहेते अधिकारियों को नामित किया गया है। और पिक एंड चूज के आधार पर कॉल लेटर भेजे गए हैं। यह सब इसलिए किया गया है ताकि मनमाफिक चयन और अनियमितताएं की जा सके।
पहला तथ्य है कि जिस तरह से संस्थान के वरिष्ठतम प्रोफेसरों की वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए वरिष्ठता क्रम में छठवें स्थान पर कार्यरत प्रोफेसर एमपीएस चौहान को प्रभारी निदेशक के पद पर कार्यभार ग्रहण करवाया गया है,उसीसे आप समझ सकते हैं कि ऐसा मनमाफिक प्रभारी निदेशक से मनमाफिक कार्य कराने के लिए किया गया है।
ऐसे मे सबसे सवाल साक्षात्कार आयोजित करने वाली चयन समिति पर ही खड़े होते हैं। पाठक इस चयन समिति की वैधानिकता का स्वयं विश्लेषण कर सकते हैं।
दूसरा तथ्य यह है कि कॉलेज बाइलॉज में निहित व्यवस्था के तहत कॉलेज में नियमित रूप से नियुक्त निदेशक ही चयन समिति का ‘सदस्य सचिव’ होता है, जिसके द्वारा संपूर्ण चयन प्रक्रिया संपन्न करवाई जा सकती है। जबकि श्री एम पी एस चौहान कॉलेज में कनिष्ठतम प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं प्रभारी निदेशक के पद पर शासन द्वारा इनको कार्यभार ग्रहण करवाए जाने का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
 तीसरा तथ्य यह है कि एम पी एस चौहान स्वयं भी कॉलेज में सिविल विभाग में रिक्त प्रोफेसर के पद के साक्षात्कार हेतु अभ्यर्थी हैं। ऐसे में वह सदस्य सचिव कैसे हो सकते हैं !

 चौथा तथ्य यह है कि उनकी पुत्री भी सिविल विभाग में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के साक्षात्कार हेतु अभ्यर्थी हैं, जिसके कॉल लेटर पर श्री चौहान के ही हस्ताक्षर हैं। आखिर यह क्या अंधेरगर्दी है !

  जब वह खुद ही तथा उनकी लड़की भी नियुक्ति की लाइन में खड़े हैं तो वह चयन समिति के सदस्य सचिव कैसे हो सकते हैं!
 ओमप्रकाश प्यादे संदीप को बनाना चाहते हैं रजिस्ट्रार
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश अपने भ्रष्ट प्यादे संदीप को रजिस्ट्रार बनाना चाहते हैं। पर्वतजन पहले भी इनके भ्रष्टाचार के कारनामे प्रकाशित कर चुका है। अगर उन्हें रजिस्ट्रार बनाया जाना पहले से ही तय है तो फिर यह साक्षात्कार का दिखावा किसलिए !!
 भ्रष्ट संदीप कुमार की योग्यता पर आप भी एक नजर डालिए। संदीप कुमार उत्तराखंड का मूल निवासी नहीं है और न ही उनकी शैक्षिक योग्यता रजिस्ट्रार बनने की है। यह बात एक आम पाठक भी समझ सकता है कि क्या उत्तराखंड में उच्च शिक्षित प्रोफेसरों की इतनी कमी हो गई है कि उत्तराखंड सरकार को घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए एक रजिस्ट्रार नहीं मिल पा रहा ? कॉलेजों में रजिस्ट्रार का पद खरीद-फरोख्त और लेन- देन के लिए काफी प्रभावशाली पद होता है। इसलिए ओमप्रकाश अपनी प्यादे को इस पद पर बिठाना चाहते हैं और तकनीकी शिक्षा मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री का भी ओमप्रकाश को सीधा सीधा समर्थन है।
 संदीप कुमार की शैक्षिक योग्यता की गड़बड़ी पर एक नजर
यह देखिए संदीप कुमार का बायोडाटा।आप इनके BCA पास करने की तिथि और डिविजन का इनकी मार्कशीट से स्वयं मिलान कर सकते हैं।
 पहला तथ्य यह है कि संदीप कुमार ने अपनी मार्कशीट में प्राप्तांकों में जानबूझकर हेराफेरी की है। पर्वतजन के पास इनकी मार्कशीट की दो तरह की छाया प्रतियां उपलब्ध हैं।
 दूसरा तथ्य यह है कि संदीप कुमार ने अपनी बीसीए और एमसीए की डिग्रियों को पास करने की तिथियों में भी जानबूझकर गड़बड़ियां की हुई हैं।पर्वतजन के पास यह दोनों  उपलब्ध हैं।
तीसरा तथ्य है कि कमिश्नर ने भी आपने जांच में यह पाया था कि संदीप कुमार की नियुक्ति घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में रिक्त प्रवक्ता पद के सापेक्ष ट्रेनिंग प्लेसमेंट अधिकारी के रूप में 7 जनवरी 2006 को की गई थी, जबकि रिक्त प्रवक्ता पद के सापेक्ष पहले तो ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट अधिकारी की नियुक्ति की ही नहीं जा सकती थी।
 चौथा तथ्य यह है कि शासन स्तर की जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट अधिकारी का पद वर्ष 2008 में सृजित किया गया जबकि इन्हें 2006 में ही इस पद पर नियुक्ति दे दी गई थी। जब पद ही नहीं था तो नियुक्ति कैसे दे दी गई हाईकोर्ट ने इनकी नियुक्ति निरस्त कर दी थी किंतु ओमप्रकाश ने हाईकोर्ट के आदेश भी नहीं माने।
 पांचवा  तथ्य यह है कि जब यह पद सृजित किया गया था तो तब भी यह निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करते थे। अपर सचिव तकनीकी शिक्षा ने भी अपनी जांच में यह पाया था कि नियुक्ति के समय संदीप कुमार की शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल और डिप्लोमा होल्डर थी जबकि उस समय प्रवक्ता पद के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मानकों के अनुरूप बीटेक थी।
 छठा  तथ्य यह है कि संदीप कुमार ने अपने शैक्षिक दस्तावेजों में धोखाधड़ी करते हुए अपने बायोडाटा में उल्लेख किया है कि उन्होंने 2004 में बीसीए प्रथम श्रेणी से और वर्ष 2006 में एमसीए उत्तीर्ण किया हुआ है। जबकि इनकी व्यक्तिगत पत्रावलियों में उपलब्ध इग्नू की डिग्री तथा अन्य अभिलेखों के अनुसार संदीप कुमार ने बीसीए और एमसीए एक ही वर्ष 2008 में उत्तीर्ण किया हुआ है। संदीप कुमार ने वर्ष 2008 में  इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से एक ही वर्ष मे दोनों डिग्रियां प्राप्त की हैं। उर इनकी डिग्री प्रथम श्रेणी से नही बल्कि सेकेंड है।  सूचना के अधिकार में प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय ने एडवांस डिप्लोमा न कराए जाने की बात कही है और बीसीए एमसीए की डिग्री 6 वर्ष में पूर्ण किए जाने की पुष्टि की है। यानि यहाँ भी गडबडी।
 सातवाँ  तथ्य यह है कि संदीप कुमार ने ट्रेनिंग प्लेसमेंट अधिकारी के पद पर बिना पद सर्जन के ही फर्जी तौर पर नियुक्त होकर कॉलेज में तमाम वित्तीय अनियमितताएं की। हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2009 को संदीप कुमार की नियुक्ति निरस्त कर दी थी लेकिन संदीप कुमार आज भी अवैध रूप से अपने पद पर बने हुए हैं
आठवां  तथ्य यह है कि 30 नवंबर 2017 को जिला अधिकारी पौड़ी ने संदीप कुमार की एसआईटी जांच कराने की संस्तुति  शासन को प्रेषित की थी। लेकिन ओम प्रकाश ने शासन में यह फाइल भी दबा दी।
 नौवां  तथ्य यह है कि पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान देहरादून 22 मार्च 2012 को संदीप कुमार पर कॉलेज द्वारा की गई विभागीय कार्यवाही के अभिलेख उपलब्ध कराने की अपेक्षा की थी लेकिन शासन ने अभी तक यह तथ्य विजिलेंस को नहीं भेजे हैं।
 दसवां  तथ्य यह है कि तत्कालीन मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने ओमप्रकाश को संदीप कुमार के खिलाफ जांच करके कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया था किंतु ओम प्रकाश ने यह फाइल भी दबा दी।
ग्यारहवां तथ्य यह है कि संदीप कुमार को इससे पहले भी ओम प्रकाश ने प्रभारी कुलसचिव बनाया था। किंतु जब कॉलेज के कर्मचारियों ने इसका विरोध करते हुए एक महीने तक हड़ताल की तो दबाव में कागजों में तो इन्हें कुलसचिव पद से हटा दिया गया। लेकिन अभी भी कुलसचिव का सारा कार्य यही देख रहे हैं और यहां तक कि कुलसचिव के अधिकार क्षेत्र वाले दस्तावेजों की अलमारियों की चाबियां भी संदीप कुमार के पास ही हैं।
 आखिरकार कॉलेज की प्रशासकीय परिषद की 22 वीं बैठक में जब 8जून2013 को प्रकाशित विज्ञप्ति के चयन परिणाम एवं पत्रावली को निरस्त किया जा चुका है तो ऐसी स्थिति में कार्यवाहक निदेशक एवं भ्रष्टाचार में लिप्त संदीप कुमार जिसकी नियुक्ति कॉलेज में गलत तरीके से हो रखी है और यह प्रकरण शासन में विचाराधीन है। ऐसे व्यक्ति द्वारा रिक्त पदों पर भारी अनियमितताएं बरतते हुए गलत तरीके से साक्षात्कार प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है।
 इसका मास्टरमाइंड ओमप्रकाश है और सब जानते बूझते हुए भी प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आंखें मूंद रखी हैं तो इससे पहले के आंखें मूंदने वाले मुख्यमंत्री हरीश रावत क्या बुरे थे ! फिर प्रचंड बहुमत और जीरो टॉलरेंस का क्या मतलब रह जाता है ??
पर्वतजन के संभ्रांत पाठकों से हमारा अनुरोध है यदि आपको यह रिपोर्ट राज्यहित मे पसंद आई हो तो इसे अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें।

Previous Post

फिर खबर का असर। पेयजल लीकेज हुआ तत्काल बंद।

Next Post

बॉर्डर से लौटकर खेती कर धरती माँ की सेवा में जुटा सैनिक

Next Post

बॉर्डर से लौटकर खेती कर धरती माँ की सेवा में जुटा सैनिक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बड़ी खबर: खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण को लेकर करोड़ों के गड़बड़झाले का आरोप। जांच की मांग
  • वीडियो: भूस्खलन से यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर मची अफरा-तफरी। 5 के दबने की आशंका 
  • ब्रेकिंग: हाइकोर्ट ने लगाई त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक… 
  • त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: कांग्रेस ने घोषित किए जिलावार प्रभारी।वरिष्ठ नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी
  • बड़ी खबर: वन दरोगा भर्ती परीक्षा संपन्न l 70% अभ्यर्थी रहे उपस्थित
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!