उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अधिक तवज्जो पाने और वश मे करने के लिए मुख्यमंत्री के एक करीबी व्यक्ति ने ही नेपाल के मूल निवासी तांत्रिक से मदद मांगी है।
यह तांत्रिक हल्द्वानी मे रहता है और इस तांत्रिक से मदद कराने वाला एक पूर्व मुख्यमंत्री का करीबी व्यक्ति ही है। आज नेपाल में तांत्रिक बलि देगा, ऐसी पर्वतजन के सूत्रों की खबर है।
पर्वतजन की जानकारी के अनुसार यह तंत्र मंत्र करवाने वाला व्यक्ति चाहता है कि मुख्यमंत्री अपने करीबी अफसरों और अपनी भाई बंधुओं की न सुनकर सिर्फ उन्हीं की बात सुने।
इस व्यक्ति ने सचिवालय में सचिव राधिका झा, नितेश झा और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश तथा मुख्यमंत्री के भाई से भी मुख्यमंत्री का ध्यान हटाने के लिए इस तांत्रिक की मदद ली है।
जानकारी के अनुसार तांत्रिक को पहली बार की पूजा के लिए 2100 रुपए पूर्व मुख्यमंत्री के व्यक्ति ने ही अपनी ओर से दिए और दूसरे चरण की पूजा के लिए ₹5100 देकर उसे नेपाल के लिए रवाना कर दिया गया है।
इस प्रकरण में देहरादून का एक भाजपा विधायक भी शामिल है। हालांकि इसमें किसी पूर्व मुख्यमंत्री के शामिल होने की खबर नहीं है।
पुजारी का फोन बंद बताया जा रहा है। जिससे ऐसे कयास है कि वह नेपाल चला गया है। पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के परिजनों को भी इस तरह की कोई पूजा किए जाने की भनक लग चुकी है।
पर्वतजन किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान, टोने-टोटके, तंत्र-मंत्र का न तो समर्थन करता है और न पर्वतजन का मकसद इस तरह की खबरों से कोई अंधविश्वास अथवा भ्रम फैलाना है।
इस तरह की किसी पूजा की भनक लगने के बाद मुख्यमंत्री के शुभचिंतक चिंतित बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की विधानसभा में भी सीएम के बेहद करीबी लोगों में इस प्रकार के तंत्र-मंत्र की खबर के बाद से बेचैनी है।
उत्तराखंड की सियासत में सत्ता हासिल करने और सत्ता के प्रतिष्ठानों में महत्वपूर्ण पद पाने के लिए तंत्र मंत्र का सहारा लेने की यह कोई पहली खबर नहीं है। सभी सरकारों में न सिर्फ मुख्यमंत्री की करीबियत पाने के लिए यह खटकर्म होते रहे हैं, बल्कि पूर्व के मुख्यमंत्री भी अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए पुजारियों और तांत्रिकों का बखूबी सहारा लेते रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकाल में देहरादून के रिंग रोड स्थित एक पंडित द्वारा अभिमंत्रित चावलों को मुट्ठी में रखकर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत भी अपनी सत्ता बचाने के लिए शक्ति परीक्षण के दिन विधानसभा के गेट पर ही खड़े रहे थे।
इससे पहले भाजपा की सरकार में भी भाजपा के तीनो पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में भी हरिद्वार के तांत्रिकों का खूब सहारा लिया जाता रहा है।
प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी ने तो कुर्सी संभालने के 4 माह बाद ही सार्वजनिक रूप से यह बात कही थी कि उनको गद्दी से उतारने के लिए तंत्र मंत्र साधना की जा रही है। और इस पर तब मुहर भी लग गई जब उन्हें कुछ समय बाद ही बिना कारण के हटा दिया गया था।
वर्तमान सरकार में यह पहली घटना है, जब कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री को अपने वश में करने के लिए इस तरह के तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहा है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पहले इस व्यक्ति काफी भरोसा करते थे। किंतु बीच में इनकी शिकायतें आने के बाद धूमिल होती छवि के चलते उन्होंने इन को तवज्जो देना थोड़ा कम कर दिया था। इसी से चिंतित होकर इस व्यक्ति ने यह कदम उठाया है।
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