गिरीश गैरोला/उत्तरकाशी
उत्तराखंड मे पर्यटक स्थल की भ्रामक जानकारी देते पर्यटन विभाग के सूचना पट। हादसों को न्योता देते पर्यटन विभाग के सूचना पट। अरुणाचल प्रदेश कैडर के एडीबी अधिकरी के दिशा निर्देश पर लगे हैं गलत सूचना पट। उत्तरकाशी पर्यटन अधिकारी ने पर्यटन मंत्रालय को भेजी शिकायत
उत्तराखंड के चार धामो मे से दो गंगोत्री और यमनोतरी को समेटे उत्तरकाशी मे पर्यटन विभाग के सूचना पट पर भरोषा करना खतरे से कतई खाली नहीं है | उत्तरकाशी – केदारनाथ मार्ग पर कुटेटी देवी के पास पर्यटन विभाग का सूचना पट पर गौर करे तो नचिकेता ताल की दूरी 25 किमी , घनसाली 87 किमी, और यमनोत्री 130 किमी दिखाया गया है | जबकि यमनोत्री इस दिशा मे है ही नहीं बल्कि विपरीत दिशा मे है और उत्तरकाशी – धरासु बैंड होते हुए वाया बड़कोट होकर यमनोत्री पहुचा जाता है | ऐसे मे यदि पर्यटन विभाग के सूचना पट पर विश्वास करके यमनोत्री की तरफ जाने वाला पर्यटक केदारनाथ पहुच जाये तो अचरज नहीं | सवाल ये है कि पहाड़ी राज्य मे पर्यटन कि अभूतपूर्व संभावना है किन्तु पर्यटन के अधिकारी जब खुद ही सूबे के पर्यटक स्थलो कि जानकारी नहीं रखते है तो कैसे पर्यटन बढ्ने कि उम्मीद कि जा सकती है | मानसून का समय है और ऐसे मे कोई पर्यटक यमनोत्री कि जगह केदारनाथ पहुच जाय और मार्ग मे फंस जाय तो कौन इसकी ज़िम्मेदारी लेगा ?
लोक निर्माण विभाग के अधिसासी अधिकारी भटवाडी डिविजन आरएस खत्री ने बताया कि ये पट उनके द्वारा नहीं लगाए गए है हालांकि उन्होने स्वीकार किया कि इसमे लिखी सूचना भ्रामक है |
उत्तरकाशी के पर्यटक अधिकारी केएस नेगी ने स्वीकार किया कि ये सूचना पट पर्यटन विभाग द्वारा लगाए गए है किन्तु इससे उत्तरकाशी कार्यालय को कोई संबंध नहीं है; हालांकि उन्होने इस भूल के लिए अपने विभाग को लिखा भी है | सूत्रो कि माने तो पर्यटन विभाग ने शासन स्तर से एडीवी मे प्रतिन्यूक्ति पर आए अधिकारी को जो अरुणाचल कैडर के अधिकारी है के द्वारा इन सूचना पट को लगाया गया है |
सवाल ये है कि जब पर्यटन के विभाग ही भ्रामक सूचना दे रहे हो- पर्यटन विभाग को ही ये मालूम नहीं कि यमनोत्री किस दिशा मे है और केदार नाथ कौन सी दिशा मे तो पर्यटको का दिशा भ्रम होना लाज़मी है |