भूमाफियाओं के साथ सरकार की सांठ-गांठ की खबरें अमूमन आती ही रहती है, किंतु यह पहला अवसर है, जब प्रधानमंत्री मोदी की बहुप्रचारित सौभाग्य योजना से उत्तराखंड सरकार के विद्युत विभाग, जिसके मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री हैं, ने भूमाफिया को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी जमीन तक सौभाग्य योजना से उसे लाभान्वित करवाने का काम किया है।
मोदी सरकार द्वारा हर गांव के हर घर तक बिजली पहुंचाने के विद्युतीकरण योजना का नाम सौभाग्य योजना दिया गया। विगत चार वर्षों में मोदी सरकार द्वारा 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने का मुद्दा तो पूरे देश में प्रचारित-प्रसारित किया गया कि किस प्रकार आजादी के इतने वर्षों बाद जिन गांवों तक बिजली नहीं पहुंची थी, मोदी सरकार ने पहुंचा दी। इस बीच इस योजना के कुछ स्याह पहलू भी सामने आए हैं, जिसमें सौभाग्य योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गांवों के सैकड़ों परिवारों तक भले ही अभी तक बिजली न पहुंची हो, किंतु मैदानी क्षेत्रों में इस योजना के नाम पर अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से ऐसा खेल चल रहा है, जो वास्तव में सोचनीय है। सौभाग्य योजना की आड़ में विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब भूमाफियाओं के साथ मिलकर उनके द्वारा विभिन्न स्थानों पर की गई अवैध प्लाटिंग में भी सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली देने का काम कर रहे हैं।
ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत ग्रामसभा प्रतीतनगर में श्यामपुर निवासी दिनेश गुप्ता द्वारा 30 बीघा जमीन में की गई प्लाटिंग में उत्तराखंड के विद्युत विभाग ने इसी सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली पहुंचा दी है। जिस स्थान पर यह प्लाटिंग की गई है, वहां जमीन खरीदने वालों को बिजली मिल सके, इसके लिए भूमाफिया ने विद्युत विभाग के साथ बहुत शानदार तरीके से सांठ-गांठ की है। 30 बीघा की इस प्लाटिंग में जिस स्थान पर कनेक्शन दिया गया है, उसके लिए विद्युत विभाग ने इसी सौभाग्य योजना के अंतर्गत सात बिजली के पोल लगवाकर उस पर तार खिंचवा दी है और बिजली का कनेक्शन भी दे दिया है।
मजेदार बात यह है कि प्रापर्टी डीलर ने पहला घर ऐसे स्थान पर बनवाया, ताकि उसे कनेक्शन मिलने के बाद दोनों तरफ के खरीददारों के लिए भी बिजली आसानी से मिल जाए। इस संदर्भ में जब एसडीओ महेंद्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि उक्त प्लाटिंग में कनेक्शन दिया गया है और इस पर सरकार का विद्युत खंभे लगाने में ही तकरीबन 45 हजार रुपए खर्च आया है।
बहरहाल, प्रदेश के सैकड़ों परिवार भले ही अभी सौभाग्य योजना से वंचित हों, किंतु सरकार के साथ सांठ-गांठ कर यह योजना भूमाफिया के लिए खूब फलीभूत हो रही नजर आ रही है। देखना है कि अब इस संदर्भ में सरकार का अगला रुख क्या होता है।