उत्तरकाशी के भकड़ा गांव में नाबालिग किशोरी को अगवा करके दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने वाला आरोपी आखिरकार पकड़ा गया है। डीआईजी गढ़वाल अजय रौतेला ने बताया कि मुकेश लाल उर्फ बंटी ने किशोरी से दुष्कर्म करने और उसकी निर्मम हत्या करने का आरोप कबूल लिया है। उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज करके उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
मुकेश लाल टिहरी के रमोली पट्टी के दीन गांव का रहने वाला है। दीन गांव की ग्राम प्रधान तथा राशन कार्ड डीलर नहीं बताया कि इस लाल के बापदादा आज से 25 30 साल पहले एक गांव से पलायन करके चले गए थे।
गांव में उनके पास कोई भी भूमि-भवन अथवा किसी तरह का स्वामित्व का रिकॉर्ड नहीं है इसलिए इस बलात्कारी के नाम से गांव के नाम को बदनाम करना ठीक नहीं है।
बंटी भकड़ा के पास अस्तल गांव में ग्राम प्रधान के खच्चर चलाने का काम करता था। बंटी को किशोरी की बड़ी बहन की शिकायत पर पकड़ा गया।
दरअसल मृतका की बड़ी बहन ने पुलिस को बताया कि बंटी ने ही 1 दिन पहले उसको अगवा कर लेने की धमकी दी थी तथा उसके साथ संबंध न रखने पर गर्दन उड़ा देने तक के लिए धमकाया था।
वह उसी शाम अपने मामा के घर चली गई थी। उस रात को घर पर पहुंचे बंटी ने बड़ी बहन के ना मिलने पर उसकी छोटी बहन को ही अगवा कर लिया और बलात्कार करके मौत के घाट उतार दिया। दुष्कर्म के बाद हत्या करने पर वह शव को पुल से नीचे फेंकना चाहता था लेकिन किसी के आने की भनक लगने पर उसने शव पुल के पास ही फेंक दिया था।
यही नहीं हत्या करने के बाद उसने खून सने कपड़े छुपा दिए तथा धरना प्रदर्शन करने वालों की भीड़ में भी शामिल हो गया और मामले को भटकाने के लिए बिहारी मजदूरों के इस घटना में हाथ होने की अफवाह फैला दी थी।
बड़ी बहन के आरोप लगाने के बाद पुलिस ने उस से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर दिया। पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार आरोपित को कल रात ही पकड़ कर विस्तार से बातचीत की गई तो कल नशे में होने के कारण उसे कुछ खास उगलवा नहीं पाई थी फिर उसे पुलिस गाड़ी में बिठा कर घटनास्थल पर निशानदेही के लिए ले गई और उससे मृतका के कपड़े तथा आरोपित के कपड़े भी बरामद कर दिए गए आरोपित ने हत्या के दौरान प्रयुक्त किए गए कपड़े धो दिए थे लेकिन उन पर दाग मिल गए आज पुलिस ने कोर्ट से आरोपित के डीएनए सैंपल लेने की मंजूरी लेने के बाद सैंपल लेकर जांच और मिलान के लिए भेज दिए हैं। काफी हाईलाइट हो चुके इस मामले में पुलिस भी सभी सबूतों के बाद ही मामले का खुलासा करना चाहती थी।
गुनाह कबूल कर लेने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है।
इस मामले में बिहार मूल के मजदूरों और मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति का हाथ होने की अफवाह को लेकर जातिगत राजनीति करने वाले लोगों के मुंह पर भी अब ताला लग गया है। जबकि उत्तराखंड की आम जनता एक सुर में यही कह रही है कि बलात्कारी और हत्यारा एक अपराधी होता है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र अथवा धर्म का हो उसे फांसी मिलनी चाहिए।