कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के दुर्गम पहाड़ी गांवों से गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने की ये तस्वीर आपको दांतों तले अंगुली चबाने को मजबूर कर देगी। ग्रामीणों द्वारा बनाए गए इन विजुअल में साफ दिख रहा है कि किस तरह ये ग्रामीण लकड़ी के बनाए स्ट्रैचर में एक गर्भवती महिला को लेकर ऊंचे और मुश्किल पहाड़ों को पार कर 22 किलोमीटर दूर नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं।
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इन मुश्किल हालातों को देखकर कुछ ग्रामीण जिलाधिकारी से भी मिले । जिलाधिकारी ने जानकारी मे आते ही सी.एम.ओ.व अन्य चिकित्सा अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग लिया है ।
बागेश्वर जिले के दुर्गम कुंवारी गांव की 26 वर्षीय अमिता की डिलीवरी होनी थी। परिजनों और ग्रामीणों के लिए मुश्किल ये थी कि सबसे नजदीकी अस्पताल 22 किलोमीटर दूर पहाड़ी रास्तों से होते हुए पैदल पाहुँचा जा सकता था । ग्रामीणों ने देर नहीं की और महिला को एक लकड़ी के बनी स्ट्रैचर में लेटाकर चल दिये। घना जंगल, बरसात का मौसम और कई पहाड़ों से चढ़ना और उतारना पड़ा, इन्हें अपना रास्ता तय करने में । ग्रामीणों ने जिला बदलकर अमित को गढ़वाल मंडल के थराली स्थित प्रमुख चिकित्सा केन्द्र ले जाने का मन बनाया । उन्होंने रास्ते में 12 किलोमीटर चोटिंग, वहां से 7 किलोमीटर खेता का रास्ता एक दिन में तय किया गया। खेता में अमिता को लेकर परिजन अपनी बुआ के घर रुके और तड़के सवेरे दोबारा निकल पड़े अपनी मंजिल की तरफ। यहां से वो लोग जल्दी ही देवाल होते हुए थराली पहुँच गए । थराली में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र में अमिता ने एक बच्चे को जन्म दिया। महिला को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। नार्मल डिलीवरी थी, इसलिए दूसरे दिन ही डिस्चार्ज कर दिए गए। अब घर वापस एक नए मेहमान को लेकर जाना था। स्ट्रैचर तैयार था और सभी अपने घर की तरफ दोबारा निकल पड़े ।
ये घटना इस क्षेत्र के लोगों के लिए कोई नई नहीं है । ऐसे ही अभी उस गांव में रहने वाली भवानी देवी पत्नी वीर चंद, हिमानती देवी पत्नी विनोद सिंह, चंद्रा देवी पत्नी बिशन सिंह, राधा देवी पत्नी गंगा सिंह और आनंदी पत्नी नरेंद्र सिंह आने वाले एक दो माह में डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएंगी। इन्हें भी कमोवेश इसी तरह अस्पताल लाया जाएगा। इन क्षेत्रों के ग्रामीण सड़क, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी अभी तक वंचित हैं। कुंवारी गांव के 106 परिवार भूस्खलन की जद में भी हैं। अभी तक प्रशासन पूरे गांव का विस्थापन नहीं करा पाया है ।
कुंवारी के ग्राम प्रधान किशन सिंह दानू ने बताया कि जिला प्रशासन ग्रामीणों की अनदेखी कर रहा है। अभी तक ना ही प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावित परिवारों का विस्थापन किया गया है और ना ही स्वास्थ्य, खाद्यान्न जैसी मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध नहीं करा पाया है। प्रशासन की अनदेखी से ग्रामीणों में भारी रोष है। वहीं पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के साथ ग्रामीणों का दल जिलाधिकारी से मिला। ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं से उनको अवगत कराया। पूर्व विधायक ने बताया कि लगातार हो रहे भूस्खलन से ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हैं। गर्भवती महिलाओं के साथ प्रशासन की अनदेखी को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापति किया जाए साथ ही गांव में स्वास्थ्य और खाद्यान्न जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी। जिलाधिकारी ने अपने अधिकारियों से मामले में कोताही बरतने पर स्पष्टीकरण मांग लिया है।