जिला पंचायत विवाद अब कोतवाली में
पुलिस की सक्रियता से टला हादसा,
बंद कमरे में केरोसिन तेल डालकर सरकारी संपत्ति के साथ उनकी जान को हो सकता था खतरा- सीडीओ उत्तरकाशी विनीत कुमार ।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने दो सप्ताह तक टाला अपना विरोध प्रदर्शन। मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन।
गिरीश गैरोला
जिला पंचायत और सीडीओ विवाद में मामला कोतवाली में पहुंचने के बाद भले ही पुलिस अभी मामले की जांच कर रही हो किन्तु आईएएस अधिकारी सीडीओ विनीत कुमार ने पंचायत सदस्यों द्वारा उन्हें कमरे में बंद कर केरोसिन तेल डालकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि वे एक सरकारी अधिकारी है और जब तक शासन से आदेश नही आ जाता तब तक अपने स्थान पर बने रहेंगे किन्तु मेरे ट्रांसफर की मांग को लेकर मेरे ही कमरे में मुझे ताला बंदकर बंधक बनाने का प्रयास समझ से परे है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने का सभी को हक़ है किन्तु इसका इसी तरह दुरुपयोग होता रहा तो व्यवस्था में अराजकता फैल जाएगी। कोई भी व्यक्ति संख्या बल के आधार पर अधिकारी को बंधक बनाकर अपनी मन मर्जी के फैसले करवाने के लिए आतुर रहेगा।
उन्होंने बताया कि उनके साथ ये पूरी घटना मीडिया कर्मियों और पुलिस के सामने हुई थी और पूरे प्रकरण की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। लिहाजा उन्होंने खुद नाम से ही जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कुछ सदस्यों को नामजद करते हुए पुलिस में तहरीर दी है। उन्होंने बताया कि मौके पर पुलिस की सक्रियता के चलते बद नीयति से पहुंचाया गया केरोसिन तेल जफ़्त कर लिया गया। अन्यथा खुद उनकी जान के साथ सरकारी संपत्ति को भी बड़ा नुकसान हो सकता था।
जिला पंचायत के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि 9 महीने से जिला पंचायत वही बात रट रही है, जिस की जांच डीएम द्वारा वरिष्ठ ट्रेजरी अधिकारी द्वारा कराई जा चुकी है और उसमे कोई कमी नही मिली।
इसके अलावा मनरेगा में एक पंचायत सदस्य को योजना देने के आरोप के जबाब में सीडीओ ने बताया कि उनके पास सदस्यों के कोई भी प्रस्ताव सीधी तौर पर न आकर जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी के माध्यम से आते हैं, जिसे डीएम बतौर जिला कार्यक्रम समन्वयक परिक्षण के बाद स्वीकृति देते हैं और इस कार्य मे उनकी भूमिका महज सहायक की ही होती है।
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा ने डीएम के माध्यम से मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित करते हुए अपना धरना दो सप्ताह तक स्थगित करते हुए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने और सीडीओ के ट्रांसफर की मांग की है।
ज्ञापन ने अध्यक्ष ने बताया कि डीएम के साथ हुई वार्ता के क्रम में वे सीडीओ से मिलने जा रहे थे और जब उन्हें गेट पर रोक दिया गया तो वे वहीं धरने पर बैठ गए थे। विधायक गंगोत्री की मौजूदगी में हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा गया है कि 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री के सामने प्रकरण लाने और एक दूसरे के खिलाफ कोई विधिक कानूनी कार्यवाही नही करने की बात समझौते के तहत हुई थी। किन्तु इस बीच सीडीओ ने कोतवाली में रिपोर्ट दे दी, जिसके बाद उन्हें भी क्रॉस केस दर्ज करना पड़ा।
वहीं सीडीओ विनीत कुमार ने किसी भी समझौते से इनकार किया है, और देश के कानून पर अपनी आस्था जताते हुए न्याय की उम्मीद जताई है।