भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती ने पुलिस ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं और अब कल संजय कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
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युवती ने पर्वतजन से इस बात की तस्दीक की है कि उनके बयान दर्ज किए जाने की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है और अब कल मुकदमा दर्ज हो सकता है। हालांकि इस बीच पीड़िता एक भी दिन अपने देहरादून में किराए के भवन पर नहीं जा पाई है और दर-दर भटकने को मजबूर है।
संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद से पीड़िता अपने कमरे तक पर भी नहीं जा पाई है। पीड़िता के मकान मालिक लगातार पीड़िता को कमरा खाली करने के लिए धमका रहे हैं और कह रहे हैं कि यहां आओगी तो सिर्फ अपना सामान लेने के लिए ही आना।
जब पीड़िता ने इस बात की शिकायत इस प्रकरण की जांच कर रही एसपी तथा जांच अधिकारी सरिता डोभाल से की तो सरिता डोभाल ने कहा कि उन्होंने धारा चौकी प्रभारी कुलदीप पंत को निर्देशित कर दिया है कि पीड़िता का मकान मालिक उन्हें परेशान न करें।
किंतु जब कुलदीप पंत से इस विषय में जानकारी लेनी चाही तो धारा चौकी प्रभारी ने कहा कि पीड़िता का मकान मालिक तो लक्खी बाग पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है, यह उनका क्षेत्र नहीं है।
जब लक्खी बाग पुलिस चौकी के प्रभारी प्रदीप रावत से पर्वतजन ने इस मामले में की गई कार्यवाही के विषय में बात की तो प्रदीप रावत ने साफ कह दिया कि उन्हें इस संबंध में किसी का भी फोन नहीं आया है।
कितनी विडंबना है कि भले ही संजय कुमार का इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं हो पाया है, लेकिन पीड़िता की नौकरी जरूर चली गई।
भाजपा ने प्रदेश कार्यालय में नौकरी कर रही पीड़िता को नौकरी से निकाल दिया। तब से पीड़िता दरबदर भटक रही है।
पीड़िता का कहना है कि वह सिर्फ अपनी लड़ाई नहीं लड़ रही है। बल्कि समाज में महिलाओं का उत्पीड़न करने वाले एक पूरे सिस्टम के खिलाफ लड़ रही है।
पीड़िता का कहना है कि पहले ही दिन जब उन्होंने उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई थी तो खुद को मंत्री बताने वाला एक व्यक्ति उनके आवास पर कुछ पुलिस के गार्ड के साथ मिला था और उन्होंने मकान मालकिन को यह बताया कि इस लड़की को अपने घर से निकाल बाहर कर दो। तब से मकान मालकिन भी कोई झंझट नहीं चाहती और किसी तरह से लड़की को अपने मकान से निकालना चाहती है। मकान मालकिन और उनका लड़का लगातार पीड़िता को मकान खाली करने के लिए धमका रहे हैं और सामान बाहर फेंकने की धमकी दे रहे हैं। पीडिता ने कहा कि यह उनके मनोबल को गिराने की साजिश है और पुलिस भी इस प्रकरण में उनकी कोई मदद नहीं कर रही है।