लोकसभा चुनाव २०१९ से ठीक पहले हरीश रावत ने आज बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर संदेश दे दिया है कि उनके बिना उत्तराखंड में कांग्रेस अभी खड़ी नहीं हो सकती। हरीश रावत ने गन्ना किसानों के भुगतान से लेकर किसानों की समस्याओं को लेकर सदन के बाहर जो मजमा जोड़ा, उससे सत्तापक्ष ही नहीं, कांग्रेस के भीतर हरीश रावत को नीचा दिखाने वाले भी बैकफुट पर हैं।
हरीश रावत का यह सांकेतिक उपवास यूं तो गन्ना किसानों के भुगतान में विलंब, चीनी मिल मालिकों द्वारा किसानों को हतोत्साहित करने, प्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई के साथ-साथ अवैध शराब के कारोबार के संदर्भित बताया गया, किंतु हरीश रावत ने जिस अंदाज में धरने से पहले भीड़ जुटाई, चारों ओर हरीश रावत ही हरीश रावत छा गए।
हरीश रावत ने इस धरना प्रदर्शन के साथ-साथ हरिद्वार लोकसभा को फोकस किए रखा। हरिद्वार के जनप्रतिनिधियों, विधायकों व किसानों के बीच छोटे-बड़े नेताओं के बीच भीड़ जुटाकर हरीश रावत सदन के बाहर ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे।