कमल जगाती, नैनीताल
कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों के शिकार, निजी हाथी सफारी और वन गुज्जरों के विस्थापन के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सरकार द्वारा गलत शपथ पत्र दाखिल करने, न्यायालय के आदेशों का पालन ना करने और आज अपर मुख्य सचिव के कोर्ट में पेश ना होने पर 30 अगस्त को अपर मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने गुज्जरों को कॉर्बेट के जंगल से विस्थापित करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सरकार से गुज्जरों को दोबारा सख्त नोटिस जारी किए जाने के बारे में पूछा। डायरेक्टर कॉर्बेट ने न्यायालय में शपथपत्र पेश किया, जिससे न्यायालय आज भी शपथपत्र से असंतुष्ट दिखी। न्यायालय ने दोबारा से शपथपत्र पेश करने को कहा है।
न्यायालय ने रेस्क्यू किए गए हाथियों को अलग अलग रेंज में भेजने के निर्देश दिए हैं और उनके खाने की उचित व्यवस्था करने को भी कहा है।
वहीं सरकार ने न्यायालय को बताया कि हाथियों को रिसोर्ट में पालने के मामले में 4 लोग फरार हैं, जिसमे से एक व्यक्ति हज और एक कनाडा गया है। न्यायालय ने सरकार से आरोपियों पर कार्यवाही न होने के बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।
न्यायालय ने राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण अथॉरिटी (NTCA) को भी पार्टी बनाने को कहा है और 3 माह में कार्बेट का अध्ययन कर वन विभाग की सही या गलत कार्यशैली पर रिपोर्ट पेश करने को कहा ही।
उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क प्रशाशन की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताते हुए इस पार्क का प्रबन्धन अंतरिम रूप से रास्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से अपने अधीन लेने को कहा है। कार्यकारी मुख्य
न्यायधीश की खंडपीठ ने बाघों के संरक्षण के लिए एनटीसीए से तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा है। यह भी बताने को कहा है कि पार्क में हो रही बाघों को मौत से बचाने के लिए क्या उनको अन्य सुरक्षित नेशनल पार्को में शिफ्ट किया जा सकता है !
राज्य के प्रमुख वन संरक्षक को निर्देश दिया है कि वे अभी हाल में रिसोर्ट से कब्जे में लिए गए हथियों को कालागढ़ या ढिकाला रेंज में छोड़े और उन पर निगरानी रखें।
खण्डपीठ ने राज्य के अपर मुख्य सचिव के आज कोर्ट में उपस्थित न होने पर नाराजगी जताई और अगली सुनवाई 30 अगस्त को कोर्ट में पेश होने को कहा है, साथ ही उनसे अदालत के आदेशों के पालन में किये गए कार्यो की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। खण्डपीठ ने हाथियों को अपने कब्जे में रखने वालों के खिलाफ डीएफओ रामनगर द्वारा मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद भी पुलिस द्वारा उन्हें गिरफदार न किये जाने पर एसएसपी नैनीताल का जवाब तलब किया है। इस मामले में कोर्ट को बताया गया कि कुछ आरोपी विदेश चले गए है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा अभी तक दो बार जवाब पेश किया गया, उनके हर जवाब में भिन्नता दिखाई दी।
मामले के अनुसार रामनगर की हिमालयन युवा ग्रामीण समिति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कार्बेट नेशनल पार्क से अतिक्रमण हटाने की माँग की थी वहीं अनील बलूनी ने कार्बेट पार्क में बाघों की हो रही लगातार मौतों को रोकने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।