धाम की आस्था पर सुरक्षा भारी।
आखिर कौन है ये धर्म के पहरेदार।
पुलिस के पास नही इनका वर्षवार आंकड़ा।
रुद्राक्ष की माला बेचने के नाम पर यात्रियों से दुर्व्यवहार।
गिरीश गैरोला
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुरू होते ही यात्रियों और पर्यटकों के साथ कुछ संदिग्ध लोगों का झुंड भी उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में दिखने लगा है।
गंगोत्री धाम सहित उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में अक्सर बस अड्डे के पास यात्री वाहनों के पास हाथ मे रुद्राक्ष की माला लिए इन लोगों का झुंड उन्हें धाम की महत्ता और रुद्राक्ष के धर्मिक महत्व पर चर्चा के साथ यात्रियों को परेशान करते देखा जा सकता है।
यात्री वाहन के रुकते समय अथवा यात्रियों के प्रस्थान के समय ये झुंड बनाकर धर्म की आड़ में माला बेचते हुए दिखाई देते हैं।
इतना सब तो ठीक है किंतु यात्रा काल मे अचानक उमड़ आई इस भीड़ का पुलिस के पास कोई आंकड़ा भी है कि नही ? पिछले वर्षों की तुलना में इनकी भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। तो क्या मात्र रुद्राक्ष की माला बेचकर इनकी गुजर बसर हो रही है या कोई अन्य धंधे में भी ये लोग लगे हुए हैं? इतना ही नही धाम में यात्रा काल शुरू होते ही बाहर से भिखारी भी इम्पोर्ट हो रहे हैं जो धाम की व्यवस्था में व्यवधान करते हैं और धर्म के प्रति अरुचि का भाव पैदा कर रहे हैं।
गंगोत्री व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि हर वर्ष इन माला बेचने वालों के साथ भिखारियों की बड़ी तादाद धाम में पहुंच रही है। उन्होंने माना कि छद्म वेश धारी ये लोग कभी भी किसी संकट का कारण बन सकते हैं। कई बार पुलिस और प्रशासन से इनकी शिकायत की जा चुकी है किंतु इनकी तादाद पर कोई फर्क नही पड़ा।हर बार यात्रा व्यवस्था बैठक में भी इन मुद्दों पर चर्चा होती है किंतु इनकी संख्या और इनकी पहचान के बारे में धाम की पुलिस अनजान है।
एलआईयू के सूत्र भी बताते हैं कि इन लोगों की बढ़ती तादाद यात्रा व्यवस्था के लिए उचित नही है फिर भी इनका वर्ष वार कोई आंकड़ा विभाग के पास मौजूद नही है।
पुलिस कप्तान उत्तरकाशी ददनपाल ने बताया कि पुलिस आफिस में सत्यापन सेल बनाई गई, जिसके मुखिया इंस्पेक्टर दिगपाल सिंह कोहली को बनाया गया है। किन्तु रविवार को अवकाश के चलते इन लोगों के सत्यापन का आंकड़ा नही बताया जा सकता। हालांकि उन्होंने बताया कि जनपद में आने वाले सभी बाहरी लोगों का पुलिस द्वारा सत्यापन कराया जा रहा है।