कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के नैनीताल की टूटी मॉल रोड का निर्माण कार्य देखने के लिए आज भारी वर्षा के बीच कुमाऊं आयुक्त मॉल रोड पहुँचे। आयुक्त ने बरसात में तिरपाल लगाकर तेज काम करवाते हुए 16 सितंबर तक सड़क को खोलने के निर्देश लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन को दिए।
विश्व प्रसिद्ध नैनीताल की मॉल रोड बीती 18 अगस्त की शाम 5:30 बजे टूटकर नैनीझील में समा गई थी। इसके बाद 19 अगस्त की सवेरे 11 बजे जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने दौरा कर 24 घंटे में रिपेयर काम शुरू कराने को कहा था। हालांकि काम लगभग 15 दिन बाद ही शुरू हो सका था। नैनीझील के लगभग 25 मीटर टूटे हिस्से को जोड़ने की कवायद शुरू ही हुई थी कि लगभग 3 मीटर के हिस्सा और टूट गया। अब मजबूत जिओ बैग में निहाल नाले की मट्टी भरकर, झील की मार से बची हुई कमजोर मॉल रोड को बचाने की कोशिशें शुरू हुई। पहले एक एक कर जिओ बैग झील में डाले गए फिर कई जिओ बैगों को तार के जाल से बांधकर झील में डाला गया। अब झील में 3 इंच के पाइप डालकर उसे दीवार से जोड़ा जाएगा और यहां बॉक्स नुमा बनाकर भरान कर 4 इंच नीचे तक लाया जाएगा। बाद में उसे माल रोड के बराबर कर हल्के वाहनों के चलने लायक बनाया जाएगा।
अगस्त 18 की इस घटना के बाद आज पहली बार घटनास्थल पहुँचे आयुक्त राजीव रौतेला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसे 16 सितंबर तक हर हाल में चलने योग्य बनाया जाए। माल रोड के टूटने के ठीक 20 दिनों के बाद हलद्वानी से नैनीताल भीगते हुए पहुँचे आयुक्त ने कहा कि नैनीताल के इस संवेदनशील हिस्से को बचाने के लिए आई.आई.टी.की रिपोर्ट को चैक करवाकर इसका स्थायी समाधान निकाला जाएगा जिसमें एक से डेढ़ वर्ष तक लग सकता है । लोक निर्माण विभाग के ई.ई. सी.एस.नेगी ने उन्हें बताया कि अबतक 1000 जिओ बैगों की मदद से झील के इस खतरनाक हिस्से को आगे की समस्या से फिलहाल बचाया गया है। अब ये हिस्सा भूस्खलन से सुरक्षित है। निरीक्षण के दौरान उनके साथ अपर जिलाधिकारी हरवीर सिंह, ए.ई.एम.पी.एस.कालाकोटी, जे.ई.महेंद्र पाल कंबोज आदि मौजूद रहे।