दिल्ली सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने पथरी हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने ठगी की बात स्वीकारते हुए पौड़ी व उत्तरकाशी में भी करीब एक दर्जन अन्य लोगों के साथ भी धोखाधड़ी की जानकारी दी है।
6 जून 2018 को भीखाराम नि0 241/124 रीठा मंडी देहरादून चौक ने लक्खीबाग पर लिखित सूचना दी थी कि वह कलावती न्यास धर्मशाला में उप प्रबंधक के पद पर नियुक्त है। इसी दौरान संजय नौटियाल पुत्र परमानंद नौटियाल नि0 मोहल्ला भूप सिंह सब्जी मंडी नज़दीक राधा मन्दिर जसपुर उधमसिंह नगर करीब 3-4 वर्ष से धर्मशाला में उसका आना जाना था। अच्छी जान पहचान हो जाने पर उसने बताया कि भारत सरकार नई दिल्ली के सचिवालय में कुछ कनिष्ष्ठ लिपिक के पद रिक्त हैं। यदि आप अपने लड़के मनीष कुमार को लगवाना चाहते हैं तो 3 लाख रुपये लगेंगे, जिसमे 50 हज़ार रुपये एडवांस में देने होंगे और बाकी काम होने के बाद। इसने खुद को भी विकास भवन कृषि कार्यालय रोशनाबाद हरिद्वार में उप कृषि अधिकारी के पद पर कार्यरत बताया।
विश्वास कर मेरे द्वारा लड़के के सभी डॉक्यूमेंट की छायाप्रति उसे दे दी तथा 50 हज़ार रुपये एडवांस में दे दिए। उसके बाद संजय नौटियाल घर पर भी आने जाने लगा और बताया कि सचिवालय में और भी पड़ खाली है। आपके और कोई जानने वालेे या रिश्तेदार हो तो उनकी भी नौकरी लगवा देगा। उस पर भरोसा करके मैंने अपने तीनों बच्चों व एक रिश्तेदार का प्राथना पत्र लेकर कनिष्ठ लिपिक पद हेतु प्रार्थनापत्र लिखवाकर दे दिया और 2 लाख रुपये और दे दिए।
इसी प्रकार उक्त व्यक्ति बच्चों को बीच-बीच में कई बार परीक्षा का बहाना बनाकर दिल्ली ले गया और कोई न कोई बहाना बनाकर परीक्षा न करवाकर दिल्ली घुमा फिरा कर वापस ले आता था। इस तरह अब तक वह कुल 25 लाख रुपए भर्ती के नाम पर ले चुका है। इसके द्वारा डाक से फर्जी नियुक्ति पत्र भी भिजवाये गए। सचिवालय नई दिल्ली में नियुक्ति पत्रों के संबंध में जानकारी की गई तो मालूम हुआ कि इस पद की भर्ती के लिए कोई नियुक्ति नहीं हुई है, जिस पर हमारे द्वारा इसको तलाश किया गया, किन्तु इसका कुछ पता नहीं चला। यह रोशनाबाद में भी नौकरी नही करता था तथा जो घर का पता इसने दिया था, वह भी फर्जी था तथा इस नाम का कोई व्यक्ति उक्त स्थान पर नहीं रहता था।
इस सूचना पर चौकी लक्खीबाग पर उचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गई। चूंकि उक्त मामला भोले-भाले लोगों को नौकरी का झांसा देकर कुल 25 लाख रु0 की मोटी रकम ठगने संबंधी होने के कारण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया द्वारा उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के निर्देशन में व0उ0 निरी0 के नेतृत्व में आवश्यक दिशा निर्देश देकर एक टीम का गठन किया गया।
टीम द्वारा उक्त व्यक्ति के संबंध में पूर्ण जानकारी एकत्रित कर तलाश प्रारम्भ की गई तथा उसके मोबाइल न0 प्राप्त किये गए, जिनको सर्विलांस पर लगाने पर उक्त न0 की लोकेशन इलाहाबाद मिलने पर तत्काल टीम को इलाहाबाद रवाना किया गया। यहां पर टीम को जानकारी मिली कि उक्त मोबाइल जिस व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था, उसे वह सड़क पर पड़ा हुआ मिला। वादी द्वारा पुलिस को अभियुक्त की फ़ोटो उपलब्ध कराई गई थी, जिसको पुलिस सूत्रों को दिखाकर तलाश हेतु लगाया गया।
इसी क्रम में 7 सितम्बर 2018 को जरिये पुलिस सूत्र सूचना मिली कि उक्त व्यकि का असली नाम शम्भूनाथ मिश्रा है, जो कि ग्राम शाहपुर थाना पथरी हरिद्वार में अपने परिवार के साथ रह रहा है। इस सूचना पर टीम द्वारा दबिश देकर उक्त व्यक्ति को घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ पर अभियुक्त ने बताया कि उसका नाम शम्भूनाथ मिश्रा (40) पुत्र परमानंद मिश्रा नि0 शाहपुर शीतला खेड़ा, थाना पथरी हरिद्वार है और मूल पता- ग्राम दिउली पट्टी धनारी जिला उत्तरकाशी है। वह पूर्व में संविदा पर कृषि विभाग पौड़ी में नौकरी करता था। नौकरी हट जाने पर पंडिताई करने लगा। इसमे ज्यादा कमाई न होने पर उसने अपना नाम संजय नोटियाल पुत्र परमानंद नोटियाल नि0 जसपुर के नाम से आधार कार्ड बनवाया और उसके बाद पासपोर्ट भी इसी नाम से बनवा लिया और देहरादून धर्मशाला में आने जाने लगा।
इसी बीच इसके द्वारा वादी से जान पहचान बढ़ा ली और विश्वास दिलाया कि वह रोशनाबाद में कृषि अधिकारी है तथा दिल्ली सचिवालय में कनिष्ठ पद पर भर्ती करवाने का लालच देकर वादी व उसके रिश्तेदारों से कुल 25 लाख रुपये नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी से हड़प लिए और खुद फरार हो गया। अपने मोबाइल इलाहाबाद में सड़क पर फेंक दिए और अपने परिवार के साथ शाहपुर शीतला खेड़ा में रहने लगा। उसने यह भी बताया कि इसी प्रकार उसने करीब 10 लोगों से उत्तरकाशी व पौड़ी में भी धोखाधड़ी से नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की है। ठगी से प्राप्त पैसे से उसने नथुवावाला देहरादून में प्लाट खरीदा है। उक्त ठगी से प्राप्त पैसे से खरीदी गई संपत्ति को सीज करने हेतु वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।