कृष्णा बिष्ट
नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी विभिन्न जनहित याचिकाओं पर हाई कोर्ट द्वारा लिए गए निर्णय के खिलाफ केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिले। कोश्यारी ने केंद्रीय कानून मंत्री से हाई कोर्ट पर लगाम लगाने की दरख्वास्त की है सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने जनहित याचिका दायर करने वालों को स्वार्थी तत्व बताते हुए कहा कि पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन यानी पीआईएल अब पब्लीसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन हो गए हैं। गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल से राज्य में कामकाज और कानून व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है।
राज्य सरकार से कोई उम्मीद न देखकर जनता सीधे हाई कोर्ट की शरण में जाने लगी है। हाई कोर्ट ने भी विभिन्न अतिक्रमण और तमाम अराजकता और अव्यवस्थाओं पर दायर की गई जनहित याचिकाओं को संवेदनशीलता से सुनते हुए राज्य सरकार को विभिन्न निर्देश जारी किए। इससे आम आदमी मे राहत है और सिर्फ वही लोग इससे दुखी हैं जो कहीं ना कहीं कानून व्यवस्था का उल्लंघन कर रहे थे।
कोश्यारी ने पत्र में जो सवाल उठाए हैं उससे एक प्रकार से त्रिवेंद्र रावत सरकार की अक्षमता पर भी सवाल खड़े होते हैं। कोश्यारी के कहने का यह भी मतलब है कि त्रिवेंद्र रावत की सरकार में अफसर कुछ काम नहीं कर रहे हैं।
पिछले दिनों रामनगर में जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाए गए होटलों और विभिन्न अतिक्रमणों को लेकर कुछ समाजसेवियों ने जनहित याचिकाएं दायर की तो यह बात स्वार्थी और भ्रष्ट लोगों के संरक्षक बने भगत सिंह कोश्यारी को नागवार गुजर रही है।
भ्रष्ट लोगों के संरक्षण में भगत सिंह कोश्यारी सीधे कानून मंत्री तक से जा मिले ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सांसद भगत सिंह कोश्यारी कानून-व्यवस्था का राज कायम करने के लिए सांसद बने हैं अथवा भ्रष्ट और राज्य को अराजकता के पतन में धकेलने वालों के संरक्षक हैं
जाहिर है कि हाईकोर्ट कोई मनमाने निर्णय नहीं कर रहा है बल्कि सांसदों और विधायकों द्वारा बनाए गए कानूनों का ही अनुपालन करने का आदेश जारी कर रहा है। ऐसे में भगत सिंह कोश्यारी एक तरह से हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहे हैं।