समाचार प्लस के सीईओ उमेश शर्मा को झारखंड पुलिस शुक्रवार रात 11:00 बजे अपने साथ ले गई। झारखंड पुलिस ने अपना वारंट पहले ही उत्तराखंड को ईमेल कर दिया था। कल शाम जैसे ही उमेश कुमार को जमानत मिली तो जेलर ने यह कहते हुए उमेश कुमार को छोड़ने से मना कर दिया कि जमानत के कागजात शाम को 6:00 बजे के बाद पहुंचे हैं। हालांकि पहले कई मामलों में जेलर 8:00 बजे तक जमानत मिलने वाले अभियुक्तों को छोड़ते रहे हैं।
पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड सरकार की झारखंड के मुख्यमंत्री से पहले ही बात हो चुकी थी। जिस तरह से रात 11:00 बजे झारखंड पुलिस पहुंची, उससे इस बात को भी बल मिलता है कि सरकार के सूत्रों को पहले ही अंदेशा हो गया था कि उमेश कुमार को जमानत मिल सकती है।
गौरतलब है कि रांची के अरगोड़ा थाने में 6 नवंबर को भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष अमृतेश सिंह ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था।
अमृतेश सिंह ने आरोप लगाया था कि उमेश कुमार ने उससे उत्तराखंड सरकार को गिराने की साजिश रखने के लिए सबूत देने के लिए दबाव डाला तथा सबूत न देने पर ईडी में फंसाने की धमकी दी थी, साथ ही उनकी पत्नी को भी धमकाया था।
रांची पुलिस उमेश कुमार को बी वारंट पर अपने साथ ले गई है। पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि उमेश कुमार के खिलाफ 10 अगस्त को राजपुर थाने में ब्लैक मेलिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद 1 नवंबर को एक और मुकदमा दर्ज किया गया था तथा रायपुर थाने में वर्ष 2007 से चल रहे एक मुकदमे की फाइल फिर दोबारा से खोल दी गई थी।
इसके अलावा रांची में उमेश के खिलाफ अमृतेश ने एक और मुकदमा 5 नवंबर को दर्ज कराया था। अमृतेश ने कहा था कि मुख्यमंत्री से उसके अच्छे संबंध है और उमेश उत्तराखंड सरकार को गिराने के लिए जबरदस्ती साक्ष्य मांगने का प्रयास कर रहा था।