जगदम्बा कोठारी/ रूद्रप्रयाग
सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य पिछडे़ ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की धारा से जोड़ना था। इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी सांसदों से एक गांव गोद लेने की अपील की थी, जिसे केन्द्र सरकार ने ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ का नाम दिया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान मंत्री ने जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन पर 11 अक्टूबर 2014 को किया।इसी क्रम मे पौड़ी से लोकसभा सांसद भुवनचंद खंडूरी ने उखीमठ ब्लॉक के देवली-भणीग्राम गांव को गोद लिया।
जून 2013 की केदारनाथ जल प्रलय मे इस गांव के 54 लोगों ने अपनी जान गवां दी थी। जिसमे तीर्थ पुरोहित,होटल व्यवसायी और घोडे़ खच्चर वाले थे, मृतकों मे 18 बच्चे भी शामिल थे। वर्तमान मे केदारनाथ आपदा मे मारे गये पुरुषों की 33 विधवायें गांव मे रह रही हैं। 90 से अधिक बच्चों के ऊपर से पिता का साया उठ गया था।
देवली-भणीग्राम गांव के 9 तोक मे 335 परिवारों की लगभग 1500 की आबादी इसी गांव मे जीवन यापन कर रही है।जून 2013 की आपदा के बाद अपने परिजनों को खो चुके इस गांव के ग्रामिणों मे तब विकास की आस जगी जब नवम्बर 2014 मे गढ़वाल सांसद भुवनचंद खंडूडी ने सांसद आर्दश ग्राम के तहत उनके गांव को गोद लिया।
गांव मे विकास के लिए 66 योजनायें बनायी गयी जिनके लिए 12 करोड़ के बजट की मांग की गयी, जिसमे सरकार ने 5 करोड़ 30 लाख स्वीकृत कर 4 करोड़ 58 लाख रुपये अवमुक्त भी किये और शासन द्वारा अभी तक 66 योजनाओं मे से 50 से अधिक का पूरा होने का दावा भी किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है। ग्रामिणों को आज भी सड़क, बिजली , पानी, स्वास्थय और शिक्षा जैंसी मूलभूत सुविधाओ से जूझना पड़ रहा है। गांव मे आर्दश ग्राम योजना के तहत 12 किलोमीटर लम्बी पेयजल लाइन बिछाई गयी जो कि जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त है। मजबूर ग्रामीण आज भी प्राकृतिक पेयजल श्रोत पर ही पीने के पानी के लिए निर्भर हैं।
मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग से गांव के लिए 5 किलोमीटर लम्बा मोटर मार्ग स्वीकृत था जिसमे महज 3 किलोमीटर तक ही कटिंग हो सकी और उस पर डामरीकरण भी नहीं हो पाया, शेष कार्य के लिए संबधित विभाग ने पैंसा जारी करने से मना कर दिया जिस कारण उस पर मात्र हल्के वाहन ही चल पाते हैं और शेष 2 किलोमीटर की दूरी ग्रामीण पैदल ही नापते है। गांव मे प्राथमिक विद्यालय भी था जो कि मानक पूरा न करने के कारण अब बंद हो चुका है। योजना के तहत गांव मे पॉलीटैक्निक भवन स्वीकृत था जिसके लिए ग्रामिणों ने 116 नाली भूमी निशुल्क दान भी दी है लेकिन यह भवन कब बनेगा यह कोई भी बताने को तैयार नहीं है। गांव मे बिजली के आडे़ तिरछे खम्बों पर तार झूलते साफ देखे जा सकते हैं, स्वास्थ्य की बात करें तो पिछले वर्ष जुलाई माह मे गांव डायरिया बीमारी की चपेट मे आ गया और बमुश्किल विभाग की टीम गांव मे पहुंची और 32 लोंगों का स्वास्थ्य परिक्षण किया।
क्षेत्र पंचायत सदस्य गणेश तिवारी और ग्राम प्रधान हरि प्रकाश का आरोप है कि आपदा के बाद से गांव मे कई एनजीओ कार्य कर रहे थे लेकिन जब से सांसद ने गांव को गोद लिया है तब से गांव का विकास कार्य ठप पड़ गया है। उनका कहना है बीते चार वर्षों मे सांसद बस दो बार ही गांव आये हैं। गांव मे आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी है। गांव की सड़क को श्रमदान कर दुरूस्त किया जा रहा है।
सांसद द्वारा गांव मे विकास के जो सपने दिखाये गये थे वह कहीं पर भी पूरे नहीं हुए।गांव के लगभग 50 घोडे़ खच्चर वालों को आपदा मे मारे गये उनके जानवरों का आजतक मुआवजा नहीं मिला। कहना है कि ग्रामिणों ने अगली लोकसभा चुनाव मे भाजपा प्रत्याशी को सबक सिखाने का मन बना लिया है।
वहीं पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सांसद प्रतिनिधी श्रीमती ममता नौटियाल का कहना है कि गांव का धरातलीय निरिक्षण किया जाये कि वहां कितने कार्य हुये। उनका कहना है कि जनपद मे सर्वाधिक विकास कार्य देवली-भणिग्राम मे ही हुये है इसका यदि किसी को डाटा चाहिए तो उपलब्ध करा दिया जायेगा।