स्थानांतरण सत्र 2019-20 में शिक्षा विभाग के शैक्षणिक संवर्ग में हुए स्थानांतरण से कई तरीके की विसंगतियां उत्पन्न हो गई थी। शिक्षकों ने विभिन्न स्तरों पर इसको लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई। शासन ने इन आपत्तियों पर मंथन किया और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
1- ऐसे शिक्षक जिनका दुर्गम से सुगम स्थल में स्थानांतरण हुआ है परंतु वे दुर्गम स्थल में ही कार्यरत रहने की इच्छुक हैं उनका स्थानांतरण फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
2- ऐसे समस्त विद्यालय जहां एकल अध्यापक हैं और प्रतिस्थानी की व्यवस्था के बिना ही एकल शिक्षक का स्थानांतरण किया गया है, इस प्रकार के समस्त स्थानांतरण स्थगित कर दिए गए हैं।
3- सीमांत जनपद पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली आदि में स्थापित विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण जो बिना प्रतिस्थानी के किए गए हैं, वे भी स्थगित कर दिए गए हैं। स्थानांतरण आदेश को लेकर तमाम आपत्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें संयुक्त सचिव कविंद्र सिंह, अपर निदेशक वंदना गर्ब्याल तथा उप निदेशक आनंद भारद्वाज शामिल हैं। यह समिति 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट शासन को देगी, फिर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस पर विचार-विमर्श होगा तब, आगे की कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षकों के तबादलों में हुई विसंगतियों के बाद शिक्षा सचिव ने आपत्तियों का संज्ञान लेकर समस्या का समाधान करने की कोशिश की है, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद शासन क्या कार्यवाही करता है।