उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय कर रहा है प्रदेश के होनहारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ।
देहरादून- उत्तराखंड के 8 आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता रद्द
भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद ने की मान्यता रद्द
इन कॉलेजों में बीएएमएस की थी कुल 560 सीटें
दो होम्योपैथिक कॉलेजों की मान्यता पहले ही हो चुकी है खत्म
उत्तराखंड में वर्तमान में संचालित हो रहे हैं 16 आयुर्वेद कॉलेज
मानकों के तहत नहीं हो रहे थे कालेजों के संचालन
उत्तराखंड के कई आयुर्वेदिक कॉलेजों को आयुष व CCIM से मान्यता न होने पर भी करा रहा है कॉउंसलिंग।
आज उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय धृतराष्ट्र बन कर प्रदेश के होनहारों की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। आपको बता दे की प्रदेश के आयर्वेदिक कॉलेज जिसमे , उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज , मदर हुड आयुर्वेदिक कॉलेज , बिहिव आयुर्वेदिक कॉलेज , शिवालिक आयुर्वेदिक कॉलेज , देव भूमि आयुर्वेदिक कॉलेज , बिसम्बर सहाय आयुर्वेद कॉलेज , श्रीमती मंजरा देवी आयुर्वेदिक कॉलेज , हरिद्वार आयुर्वेदिक कॉलेज को आयुष विभाग भारत सरकार व CCIM ने सत्र 2019 -20 में प्रवेश पर रोक लगा रखी है।
परन्तु विश्वविद्यालय के मिली भगत से कॉउंसिलिंग के फार्म 10 तारीख से ही भरने शुरु हो गए है।
जहां एक ओर आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय होनहारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। वहीं इस आयुष प्रदेश मे आयुर्वेद के दुर्गति हो रही है। और कॉलेज प्रबंधन कुछ नैनीताल तो कुछ दिल्ली कोर्ट से जुगत लगाने के कोशिश कर रहे हैं।
परन्तु इन सब में विश्वविद्यालय के भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है।