गढ़वाल केंद्रीय विवि के एक्ट में नहीं है छात्र संघ चुनाव
. छात्र नेताओं के दबाव में छात्र संघ चुनाव करा रहा गढ़वाल विवि
. विवि की प्रवेशार्थी निर्देशिका में है छात्र परिषद का उल्लेख
. विवि के एक छात्र ने इस संबंध में विवि प्रशासन से मांगा जवाब
राजीव
पौड़ी: गढ़वाल केंद्रीय विवि प्रशासन को एक्ट के विरुद्ध छात्र संघ चुनाव कराना भारी पड़ सकता है। केंद्रीय विवि एक्ट के अनुसार छात्र संघ के स्थान पर छात्र परिषद का गठन किया जाना है। इस बात का उल्लेख विवि की प्रवेशार्थी निर्देशिका में भी किया गया हैए बावजूद इसके विवि प्रशासन कई वर्षो से लगातार छात्र संघ चुनाव करवा रहा है। लेकिन इस बार विवि के ही एक छात्र ने एक्ट विरुद्ध छात्र संघ चुनाव कराए जाने पर विवि प्रशासन से जवाब मांगा है। वहीं विवि की कुलपित प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल इस संबंध में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर रही हैं। हालांकि कुलपित ने यह भी स्वीकार किया है कि केद्रीय विवि के एक्ट में छात्र संघ के बजाय छात्र परिषद का प्रावधान है।
वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा मिला। गढ़वाल केंद्रीय विवि की प्रथम नियमावली.2009 के पिरनियम.36 में निहित प्रावधानों के तहत विवि में छात्र संघ के बजाय छात्र परिषद का उल्लेख किया गया है। नियमावली में यह भी लिखा गया है कि छात्र परिषद के अध्यक्ष अधिष्ठाता छात्र कल्याण होंगे। विवि की विद्यापरिषद द्वारा शैक्षिकए
क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक क्षेत्रो में प्रदर्शन के आधार पर छात्र परिषद के लिए 20 छात्र नामित होंगे व कुछ छात्र चयनित भी होंगे। लेकिन अभी तक विवि प्रशासन एक्ट इस प्रावधान को लागू नहीं कर पाया है। हालांकि पूर्व में विवि प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव न कराए जाने का निर्णय भी लिया था। लेकिन बाद में छात्र नेताओं व छात्र संगठनों के दबाव में इस निर्णय को वापस ले लिया गया। वहीं इस बार विवि के ही एक छात्र ने एक्ट विरुद्ध छात्र संघ चुनाव कराए जाने पर विवि से जवाब मांगा है।
छात्र आदित्य ने बताया कि उसने बीते 17 अगस्त को कुलसचिव को पत्र लिख यह पूछा है कि किस प्रावधान के तहत विवि में छात्र संघ चुनाव कराए जा रहे हैं। विवि से जवाब ने मिलने पर फिर 22 अगस्त को दुबारा कुलसचिव को इस संबंध में पत्र भेजा है।
छात्र आदित्य का कहना है कि यदि छात्र संघ चुनाव से पूर्व उन्हें संतोष जनक जवाब नहीं मिला तो उचित फोरम में इस शिकायत को रखेंगे। वहीं विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल से जब इस संबंध पूछा गया तो उन्होंनें कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि कुलपति प्रो.नौटियाल ने स्वीकार किया कि केंद्रीय विवि एक्ट में छात्र परिषद का प्रावधान है।