जगदम्बा कोठारी
प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृति घोटाले मे गठित एसआईटी ने कॉलेजों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के 11जिलों मे एसआईटी जांचटीम गठित हो गयी है। देहरादून और हरिद्वार मे जांच पहले से ही चल रही है। शेष 11 जिलों मे आईजी गुंज्याल के नेतृत्व मे टीमे गठित कर जांच शुरू कर दी है।
कुछ कॉलेजों से एसआईटी ने ऐंसी जानकारियां मांगी गयी हैं जो कि समाज कल्याण विभाग से मांगी जानी चाहिए थी लेकिन जानकारी कॉलेजों से मांगी जा रही हैं। जैसे कि लाभार्थी ने बैंक खाता कब खोला और कब बंद किया।यहां तक कि अगर खाताधारक ने खाता बंद किया तो क्यों किया साथ ही एसआईटी ने कॉलेजों से छात्र की व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि उसका फोन नम्बर,घर का पता, बैंक खाता संख्या तक कॉलेजों को 10 सितंबर तक देने को कहा है।जबकि यह सब जानकारियां समाज कल्याण विभाग के पास मौजूद होनी चाहिए थी लेकिन विभाग की वेबसाइट पर यह जानकारियां अधूरी डाली गयी हैं, जिससे जांच प्रभावित हो रही है।
एसआईटी ने 11 सितंबर को हाईकोर्ट मे घोटाले की जांच प्रगति रिपोर्ट पेश करनी है। गढ़वाल के कई कॉलेजों को एसआईटी ने रडार पर लिया है। कॉलेजों से वर्ष 2012 से अब तक सभी छात्रों के यह आंकडे 10 सितंबर तक मांगे हैं जिस कारण कॉलेजों मे हडकंप मच गया है। इससे कॉलेजों के कर्मचारियों मे मानसिक तनाव और अतिरिक्त कार्यबोझ बड़ गया है जबकि यह सब जानकारियां समाज कल्याण की वेबसाईट पर मौजूद चाहिए थी लेकिन नहीं है।
इससे पहले एसआईटी द्वारा घोटाले के आरोपी अनुराग शंखधर के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण हाईकोर्ट द्वारा बेल मिल गयी थी। कोर्ट से जांच टीम को फटकार भी मिल चुकी है जिसका ठीकरा अब एसआईटी कॉलेजों पर फोड़ रही है।
11 सितंबर को एसआईटी देहरादून के कॉलेजों मे हुयी अब तक की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट मे पेश करेगी। हरिद्वार और दून के कई नामचीन कॉलेजों मे बड़ी संख्या मे फर्जीवाड़ा हुआ है लेकिन वह कॉलेज अभी तक जांच टीम के दायरे से बाहर हैं जो कि एसआईटी की बहुत बड़ी नाकामी है। अगर एसआईटी निष्पक्ष जांच करे तो दून और हरिद्वार के कई बड़े कॉलेजों के फंसने की पूरी उम्मीद है।